क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप, मुकदमा दर्ज
हनुमानगढ़। युवक का घर से अपहरण कर उसे जयपुर स्थित एक नशा मुक्ति केन्द्र में बंधक बनाकर रखने और क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने व तरह-तरह की यातनाएं देने का मामला सामने आया है। इस संबंध में जंक्शन पुलिस थाना में नशा मुक्ति केन्द्र संचालक सहित तीन व्यक्तियों के खिलाफ नामजद व चार अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इस्तगासे के जरिए दर्ज हुए मुकदमे में उमेश खीचड़ (30) पुत्र धन्नाराम खीचड़ निवासी जेल के पीछे, 9/17, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जंक्शन हाल ड्रीमलैंड कॉलोनी, मक्कासर रोड, जंक्शन ने बताया कि वह पेस्टीसाइड कम्पनी में कार्य करता था। 2018 में स्वास्थ्य सही नहीं होने के कारण नौकरी छोड़ दी और अपना इलाज करवाता रहा। इससे पहले 2016 में उसकी पत्नी व्याख्याता के पद पर नौकरी लगी। Hanumangarh News
19 अप्रैल 2023 को वह अपने घर था और नहा रहा था। तभी 4 अज्ञात व्यक्ति जबरन उसके घर में घुसे और उसे अपनी गाड़ी में बैठा लिया। यह लोग हाथ-पांव व मुंह बांध कर उसे जयपुर ले गए। इन्होंने उसे तरुछाया सेवा संस्थान (तरुछाया नशा मुक्ति केन्द्र) के संस्थापक चन्द्रशेखर मिश्रा पुत्र योगेश मिश्रा निवासी पोस्ट ऑफिस के सामने, अजमेर रोड, भांकरोटा, जयपुर के पास छोड़ दिया। चन्द्रशेखर ने बताया कि उसे उसके परिवारजनों ने ही भेजा है। उसे लीवर सोरायसिस की गंभीर बीमारी है। वे उसके इलाज के लिए उसे जयपुर लेकर आए हैं। तब उसने चन्द्रशेखर को कहा कि वह उसकी बात उसके वकील व परिवार वालों से करवाए। उसका हनुमानगढ़ में परिवारजनों के खिलाफ मुकदमा भी चल रहा है लेकिन चन्द्रशेखर ने उसकी बात वकील व अन्य किसी रिश्तेदार से नहीं करवाई।
चन्द्रशेखर के निर्देशानुसार शुरुआत में आशीष मिश्रा पुत्र योगेश मिश्रा निवासी जयपुर, रविन्द्र व अज्ञात लोगों ने उसका डॉक्टर से चैकअप करवाया और एण्डोस्कॉपी की सलाह दी लेकिन इन लोगों ने उसकी एण्डोस्कॉपी नहीं करवाई और न ही उसे कोई दवाई दिलवाई। न तो उसका कोई इलाज नहीं करवाया और न ही उसे घर जाने दिया। इन लोगों ने अपने पास बंधक बनाकर रखा और मारपीट करनी शुरू कर दी। इलाज नहीं होने से उसकी समस्या और भी ज्यादा बढ़ गई। इस कारण उसे भयंकर पीड़ा से गुजरना पड़ा। कई-कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता। वह अपने परिवारजनों से बात करने के लिए कहता तो यह लोग उसके साथ मारपीट करते और प्रताडि़त करते। Hanumangarh News
इन लोगों ने जान-बूझकर यातनाएं देने के आशय से इलाज नहीं करवाया। मार्च 2024 को उसके चाचा का लडक़ा सुभाष उससे मिलने आया तो उसने अपनी आपबीती और इन लोगों की ओर से दी जा रही यातनाओं के बारे में बताया। सुभाष के कहने पर चन्द्रशेखर वगैरा ने उसका इलाज करने व मारपीट नहीं करने का आश्वासन दिया लेकिन इसके बावजूद भी इन लोगों ने उसका इलाज नहीं करवाया। उल्टा उनका व्यवहार और भी ज्यादा निर्दयतापूर्ण-क्रूरतापूर्ण हो गया। तरह-तरह से यातनाएं दी और केन्द्र के सभी कैमरे बन्द कर बुरी तरह मारपीट की। केन्द्र में अन्य लोगों के साथ भी यही व्यवहार रहता और मारपीट की जाती।
राजेन्द्र दुग्गल नामक व्यक्ति की टांग तोड़ दी। यह लोग उससे पूरे संस्थान की साफ-सफाई करवाते। सर्दी में ठण्डे पानी से नहाने को मजबूर करते। टायलेट की हाथों से सफाई करवाते। जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया जाता। सर्दी में भी गर्म बिस्तर नहीं देते। 15-15 दिनों तक फर्श पर बैठाए रखना, रात को सिर्फ 4 घण्टे सोने देना आदि तरह की यातनाएं दी जाती। इस कारण वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो गया। इन लोगों ने उसे इस शर्त पर छोड़ा कि वह किसी भी न्यायालय में उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा।
अगर इसके बावजूद भी उसने कोई कार्रवाई की तो झूठे मुकदमे में फंसा देंगे और षड्यंत्रपूर्वक पागल घोषित कर पागलखाना भेज देंगे। इस पर उसकी पत्नी 2 जुलाई 2024 को उसे वहां से अपने साथ लेकर आई। अब भी उसे पूर्ण अंदेशा है कि उक्त लोग उसके परिवार के साथ मिलकर उसका दोबारा अपहरण कर सकते हैं। पुलिस ने अपहरण, मारपीट सहित आईपीसी की अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच एएसआई खेमराज को सौंपी है। Hanumangarh News
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