उदासीनता या लापरवाही : मंदी, महंगाई और बेरोजगारी के चलते लोगों में बढ़ रही निराशा
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प्रदेश के मात्र 7 फीसदी परिवारों को मिला 100 दिन का रोजगार (MNREGA )
अश्वनी चावला/सच कहूँ चंडीगढ़। देशभर में ग्रामीणों को रोजगार की गारंटी देने वाली ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार’ (मनरेगा) योजना हरियाणा में पूरी तरह फेल होती नजर आ रही है। ‘मनरेगा’ के तहत ग्रामीणों को 150 दिन का रोजगार प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है। जबकि पिछले 5 सालों में हरियाणा में एक भी ऐसा परिवार नहीं है, जिसने 150 दिन तक का रोजगार प्राप्त किया हो। जहां तक बात 100 दिन के रोजगार है तो इस मामले में भी मनोहर सरकार देश के फिसड्डी राज्यों की सूची में शुमार हो गई है। हरियाणा में पिछले 5 सालों के दौरान मात्र 7 फीसदी की दर से ही 100 दिन तक का रोजगार ग्रामीणों को दिया गया है।
- चिंताजनक पहलू ये भी है कि प्रदेश के 17 ऐसे जिले ऐसे हैं ।
- जोकि 100 दिन का रोजगार देने वाले परिवारों का तिहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाए हैं।
- चरखी दादरी से लेकर जींद व रोहतक तक ऐसे जिले हैं।
- जिनमें 1000 से नीचे ही परिवारों को 100 दिन का रोजगार प्राप्त हुआ है।
क्या है मनरेगा योजना?
ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए केन्द्र सरकार ने ‘मनरेगा’ नामक एक योजना शुरू की थी। इसके तहत ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों को 1 साल में कम से कम 100 दिन का रोजगार दिए जाने की गरंटी दी गई है। कुछ समय पश्चात केंद्र सरकार की तरफ से 100 दिन से बढ़ाकर रोजगार की गारंटी 150 दिन कर दी गई थी।
150 दिन से ज्यादा भी रोजगार दे सकती है सरकार
देश की कोई भी राज्य सरकार चाहे तो वह डेढ़ सौ दिन की गारंटी के रोजगार के ऊपर जाकर भी रोजगार दे सकती हैं। ऐसे मामलों में केंद्र सरकार से इजाजत लेनी होती है, क्योंकि किसी भी ग्रामीण इलाके में कार्य शुरू करने के साथ-साथ उसकी इजाजत लेना भी जरूरी है। हरियाणा के ऐसे कई ग्रामीण इलाके हैं, जहां पर मनरेगा के तहत दर्जनों काम किए जा सकते हैं और इन दर्जनों काम को मुकम्मल करने के लिए डेढ़ सौ दिन तक का तो रोजगार लेने का हक ग्रामीण रखते हैं। परंतु कार्य मुकम्मल न होने की सूरत में राज्य सरकार एक पत्र के जरिए केंद्र सरकार से उन ग्रामीण इलाकों के बाशिंदों को डेढ़ सौ से ज्यादा दिन का भी रोजगार दे सकती है।
284 रुपये है दिहाड़ी
हरियाणा में मनरेगा के तहत हर दिहाड़ीदार व्यक्ति को प्रतिदिन के 284 रुपये मिलते हैं। हरियाणा में कार्य करने वाले मनरेगा वर्करों की 284 रुपये दिहाड़ी केन्द्र सरकार ने मंजूर की हुई है। हरियाणा में अगर सभी ग्रामीणों को 150 दिन तक का रोजगार सरकार की तरफ से मुहैय्या करवा दिया जाए तो हर ग्रामीण साल भर में कम से कम 42 हजार 600 रुपये कमा सकता हैं ।
उत्तरी भारत में हरियाणा में सबसे ज्यादा दिहाड़ी
- सबसे ज्यादा दिहाड़ी के मामले में हरियाणा उत्तरी भारत में सभी से आगे है।
- हरियाणा में इस समय 284 रुपये दिहाड़ी चल रही है।
- हरियाणा के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में 185 रुपये, जम्मू-कश्मीर में 189 रुपये, राजस्थान में 199, पंजाब में 241 रुपये है।
- इस मुकाबले में हरियाणा काफी आगे है।
- परन्तु ग्रामीणों को काम नहीं दिए जाने के चलते हरियाणा पिछड़ता जा रहा है।
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