खारियां (सच कहँू/सुनील कुमार)। जलसेना में नियुक्ति पाकर लौटी गांव खारियां की बेटी अर्चना ने ग्रामीणों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। परिस्थितियों से लडऩे के बाद जो सफलता मिलती है, उसकी खुशी अलग ही होती है। अभिभावक अपनी बेटियों के प्रति भावना को बदलें और उन्हें उनकी रूचि के अनुसार आगे बढऩे के लिए लगातार प्रेरित करें, ताकि वो अपने पैरों पर खड़ी होकर अभिभावकों का नाम रोशन कर सके। Sirsa News
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माता गुलाब देवी दिव्यांग होते हुए भी आंगनवाड़ी वर्कर हैं
अर्चना ने कहा कि उनके पिता विनोद कुमार राजमिस्त्री हैं तथा माता गुलाब देवी दिव्यांग होते हुए भी हौंसला न हारते हुए आंगनवाड़ी वर्कर के तौर पर काम कर रही है। अर्चना के पिता विनोद कुमार व माता गुलाब देवी ने कहा कि आज उन्हें अपनी बेटी की मेहनत पर गर्व है। उन्होंने भी अभिभावकों का आह्वान किया कि वे अपनी बेटियों के सपनों को पंख लगाने के लिए उन्हें अच्छे संस्कार दें और उनकी रूचि के अनुसार आगे बढऩे के लिए प्रेरित करें। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद गांव लौटी अर्चना के सम्मान समारोह में बीकेई अध्यक्ष लखविंद्र सिंह ने अपनी टीम के साथ गांव में पहुंचकर अर्चना को शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिह्न देकर प्रोत्साहित किया और टीम की ओर से अर्चना को उसके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि खारिया गांव का इतिहास रहा है कि यहां से पूर्व में 11 लोग जल सेना, थल, सेना व वायु सेना में जा चुके हैं, लेकिन वह गांव की पहली बेटी है, जो नौसेना में चयनित हुई है। वहीं बॉक्सर मनदीप जांगड़ा अर्जुन अवार्डी भी रह चुके हैं। इस मौके पर उनके साथ अंग्रेज सिंह कोटली, जगजीत सिंह, सुनील नैन, सुभाष न्यौल, राकेश भांभू, रघुबीर नैन, कमल नैन, जोगिंद्र नैन, राकेश भांभू, भीम न्यौल, संजय न्यौल, राकेश नैन, प्रदीप न्यौल, मांगे राम सहारण आदि मौजूद थे। Sirsa News
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