Khansi/Phlegm Ilaj: मौसम के बदलते परिवेश में खांसी आना आम बात है। मौसमी एलर्जी के कारण खांसी, जुकाम या सिर दर्द होना लाजिमी है। लेकिन कई बार खांसते-खांसते सिर में दर्द होना असुविधाजनक होने के साथ-साथ चिंताजनक भी हो सकता है। खांसी के कारण सिरदर्द की समस्या को जानने से पहले, खांसी क्यों होती है और इससे शरीर में क्या परिवर्तन होते हैं, यह जानना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि खांसी आना एक आम बात है जोकि धूल-मिट्टी के कण श्वांस के साथ अंदर जाने से भी हो सकती है।
इसमें कई शारीरिक प्रणालियां भी शामिल होती हैं, मुख्य रूप से श्वसन और मांसपेशी प्रणालियां मानी जाती हैं। बताया जाता है कि जब बलगम श्वसन मार्ग में तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है, तो मस्तिष्क तंत्र को संकेत भेजे जाते हैं, जिससे मांसपेशियों में संकुचन का दौर जारी हो जाता है। ‘ये संकुचन फेफड़ों से तेज गति से हवा को बाहर फेंकते हैं, जिससे ज्वलनशील पदार्थ बाहर निकल जाते हैं, जिससे वायुमार्ग साफ हो जाता है।’ Khansi/Phlegm Ilaj
खांसी के साथ सिरदर्द क्यों होता है इसके पीछे के कारणों में से एक बढ़ा हुआ इंट्राक्रैनियल दबाव है। जोकि कपाल गुहा के भीतर का दबाव है, यह खोपड़ी के अंदर का स्थान होता है, जिसमें मस्तिष्क, मस्तिष्कमेरु द्रव और रक्त वाहिकाएं प्रदान करता है। खांसी में जोर-जोर से सांस छोड़ा जाता है, जो अस्थायी रूप से कपाल गुहा के भीतर दबाव को बढ़ाता है। दबाव में यह वृद्धि मस्तिष्क के भीतर संवेदनशील संरचनाओं पर बुरा असर डाल सकती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है, दर्द को अक्सर धड़कन या धड़कन की अनुभूति के रूप में वर्णित किया जाता है जो खांसी के दौरान तेज हो जाती है।
नाक और साइनस खोपड़ी में हवा से भरे दो कक्ष हैं। ये संरचनाएं हवा के तापमान और आर्द्रता को विनियमित करने और आवाज की गूंज को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण रोल अदा करती है। साइनसाइटिस जैसी स्वास्थ्य स्थितियों में साइनस में सूजन और जमाव हो जाता है, जिससे खांसी और फिर सिरदर्द बढ़ सकता है। जब कोई व्यक्ति खांसता है, तो हवा के जोरदार निष्कासन से साइनस के दबाव में उतार-चढ़ाव हो सकता है, जिससे सिर दर्द की समस्या बढ़ सकती है।
साइनस के लक्षणों को जानें | Khansi/Phlegm Ilaj
आपकी जानकारी में होना चाहिए कि इस बीमारी के क्या लक्षण होते हैं? बता दें कि वयस्कों में तो साइनस के लक्षण सर्दी, जुकाम के साथ शुरू होते हैं। जुकाम को अनदेखा करने के कारण साइनस बिगड़ सकती है। साइनस के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं, आइये जानते हैं…
- सांस से बदबू आना
- किसी तरह की गंध महसूस न कर पाना
- रात को ज्यादा खांसी होना
- थकान और बीमार महसूस होना
- बुखार आना और सिरदर्द होना
- आंखों के पीछे दर्द और दांतों में दर्द होना
- चेहरा बहुत मुलायम हो जाना
- नाक बंद होना या बहना और गले में खराश होना
इन स्थितियों में आप अपने घर पर ही घरेलू इलाज कर सकते हैं। इन घरेलू उपायों से अगर ठीक न हो तो गंभीर स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
साइनस के घरेलू उपाय | Khansi/Phlegm Ilaj
सेब का सिरका: सबसे पहले आप एप्पल साइडर विनेगर की 5 से 10 बूंदें या बोतल का आधा ढक्कन लें। फिर सेब के सिरके को चौड़े बर्तन में डालें। इसमें अब एक लीटर पानी डाल दें। फिर इसे गर्म करें। पानी से जब भाप निकलने लगे तो बर्तन को गैस बंद कर दें। फिर, तौलिए से सिर को ढककर भाप लें, स्टीमर की मदद भी ले सकते हैं। करीब 5 से 10 मिनट तक भाप लेते रहें। इसे दिन में दो से तीन बार किया जा सकता है। इससे साइनस में होने वाला भारीपन कम होगा। इसी वजह से एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल कर भाप लेने को इस बीमारी में फायदेमंद माना जाता है। बता दें कि सेब के सिरके में एंटीमाइक्रोबियल गुण होता है। यह गुण बैक्टीरिया की वजह से होने वाले साइनस इन्फेक्शन को कम करता है।
Magical Benefits Of Soaked Figs: रातभर अंजीर को पानी में भिगो कर खाने के जादुई फायदे
साइनस में लेमन बाम और अदरक की चाय भी है बहुत ही फायदेमंद होती है।
नोट: लेख में बताई विधि एवं सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। सच कहूँ इसकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले अपने नजदीकी डॉक्टर या स्पेशलिस्ट की सलाह जरूर लें।