भारत का ‘सबसे बड़ा’ केस लड़ने वाले केशवानंद भारती नहीं रहे

Kesavananda Bharati

नई दिल्ली। कासरगोड, केरल में एडानीर मठ के प्रमुख केशवानंद भारती का रविवार को निधन हो गया । वह 79 वर्ष के थे। उन्हें ‘केरल का शंकराचार्य’ भी कहा जाता था और उनका आधिकारिक नाम श्रमद जगदगुरु शंकराचार्य थोटाकाचार्य केशवानंद भारती श्रीपद्दनगलवारू था। भारती ने 1973 में संपत्ति के अधिकारों को लेकर याचिका दायर की थी। केरल उच्च न्यायालय में उनकी याचिका खारिज हो गई थी जिसके बाद उन्होंने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

इस मामले में उच्चतम न्यायालय की 13 जजों की संवैधानिक पीठ ने केशवानंद भारती के पक्ष में फैसला दिया था। भारती ने 19 वर्ष की उम्र में संन्यास ले लिया था और वह 1961 से इस मठ के प्रमुख बने हुये हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भारती के निधन पर शोक व्यक्त किया है। विजयन ने कहा कि मौलिक अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय में याचिकाकर्ता केशवानंद भारती का नाम भारतीय संविधान से जुड़ा सबसे उल्लिखित नाम भी था। मुख्यमंत्री ने राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एडानीर मठ के योगदान को भी याद किया।

 

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