केरल को सहयोग की जरुरत है न कि राजनीतिक बखेड़े की

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327 लोगो की मृत्यु हो चुकी है और तीन लाख लोग बेघर

केरल परेशान है साथ में पूरा देश परेशान है। पिछले 100 सालों में केरल शायद ही कभी ऐसी भयावह स्थिति से गुजरा है। तकरीबन 327 लोगो की मृत्यु हो चुकी है और तीन लाख लोग बेघर हो चुके हैं। आम हो या खास हर कोई अपने इस अहम राज्य के लिए दुआएं कर रहा है। सरकार से लेकर आम नागरिक सभी लोग केरल को इस विपदा से निकालने के लिए अपनी तरफ से लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कहीं न कहीं जब इस कठिन घड़ी में सबको केरल के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए, तो देश में इस विपदा पर सरकार द्वारा दी गई सहायता राशि पर राजनीति होने लगी है।

केरल की मदद के लिए लोग सामने आने शुरू हो गए हैं

  • विदेशों से लेकर आम नागरिक तक अपने अपने स्तर पर केरल को सहायता प्रदान कर रहे हैं।
  •  यहां तक संयुक्त अरब अमीरात ने भी केरल सरकार को 700 करोड़ रुपये का अनुदान दिया।
  • आगे केरल की हालात और भी खराब होने की संभावना है।
  •  केन्द्र और राज्य सरकार से लेकर देश के कई एनजीओ और नागरिक केरल की सुन्दरता को बचाने में लगे हुए हैं।
  • पूरा देश इस आशा मे लगा हुआ है कब प्रकृति अपने दैत्य रुप को त्यागेगी और फिर से केरल स्थापित होगा।
  • उम्मीद है कि केरल फिर से अपनी पुरानी सुन्दरता को प्राप्त करेगा।

देश के लोगो को राजनीति करने की एक गंभीर बीमारी लग गई

देश के लोगो को हर मुद्दे पर तुलना और राजनीति करने की एक गंभीर बीमारी लग गई है। देश का सबसे अहम राज्य बाढ़ से बर्बाद होने के कगार पर है लेकिन कुछ लोग केरल के लिए दुआ करने बजाय सरकार ने किस योजना में कितना दिया है उसको गिनने में लगे हुए हैं। दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ लोगो द्वारा झूठा कैंपेन चलाया जा रहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा मात्र 100 करोड़ की धनराशि प्रदान की गई है। असल में सच्चाई यह है कि सबसे पहले गृह मंत्री ने केरल को 100 करोड़ रुपये की राशि देने की धनराशि देने की घोषणा की, उसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने 500 करोड़ रुपये देने का घोषणा कर दिया।

केरल में लगभग 20 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति का नुकसान

केरल को अभी पूरे देश के सहयोग की जरुरत है न कि राजनीतिक बखेड़े।केरल में लगभग 20 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति का नुकसान हुआ है। केरल सरकार ने इस बाबत केन्द्र सरकार से मांग कर दी है कि उन्हे और भी आर्थिक सहायता की जरुरत है। अगर सरकार के पास पैसे भी नही हैं तो भी उसे कहीं से बंदोबस्त करके केरल सरकार को दे देना चाहिए। जरुरत पड़े तो कुंभ मेले या शिवाजी की मूर्ति लिए आंवटित धनराशि को भी केरल में राहत कार्यो में लगाना चाहिए। सरकार की आलोचना करना सभी का अधिकार है लेकिन उस पर राजनीति करना कतई वाजिब नही है।

सचिन दुबे

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