यंू तो गृहणियों का अधिकतर समय अपने घर आंगन की देखभाल व अन्य रसोई आदि के कामों में बीत जाता है। फिर भी जब पति दफ्तर और बच्चे स्कूल चले जाते हैं तब खाली समय में बतियाने, गप-शप करने या अपने मन की बात कहने और कुछ सुनने को बड़ा जी करता है। यह तभी संभव होता है जब आपकी पड़ोसन से आपके संबंध मधुर हों। एक अच्छी और समझदार पड़ोसन बनकर जहां आप स्वयं प्रशंसा और आदर की पात्र बन सकती हैं, वहीं ऐसे मधुर संबध आपके मुश्किल वक्त के लिए भी काम आ सकते हैं।
फुर्सत के समय आप अपनी पड़ोसन से सिलाई, कढ़ाई, बुनाई आदि के अच्छे नमूने सीख सकती हैं। अनेक प्रकार के व्यंजन जो आप बनाना नहीं जानती, अपनी पड़ोसन से सहज सीखने का अवसर आपके पास होता है। इस तरह यदि आप कुछ अच्छे व्यंजन बनाने व कशीदाकारी आदि की कला में निपुण हैं तो आपकी पड़ोसन आपसे यह कला ग्रहण कर आपकी कृतज्ञ होगी।
अचानक जब आपके घर मेहमान आ जाएं तो घर की कुछ कमियों को पड़ोसन ही दूर कर सकती है। शादी विवाह या अन्य खुशियों के मौकों पर अपनी पड़ोसन की मदद से छोटे-मोटे कामोंं को आप शीघ्रता से निपटा सकती हैं। इससे आपसी संबंध प्रगाढ़ होते हैं। अचार, पापड़, बड़ी आदि बनाने में भी आपकी पड़ोसन मददगार सिद्ध हो सकती है। एक-दूसरे के धार्र्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने से भी जहां परदेस में रिश्तेदारों की कमी नहीं खलती, वहीं एक दूसरों के रीति-रिवाजों से परिचित होने का सुअवसर भी प्राप्त होता है। इससे यह भी लाभ होता है कि आप चाहें किसी भी परिवेश में रहें, किसी भी भाषा-भाषी प्रदेश में निवास करें, व्यावहारिक रूप से कोई कठिनाई आपको नहीं आएगी। साथ ही आप अपने आपको अकेला महसूस नहीं करेंगी।
एक अच्छी पड़ोसन का संग पाना आसान है, वहीं अच्छी पड़ोसन बनकर दिखाना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। आपस में लड़-झगड़कर और मन-मुटाव पैदा कर जहां आपको कलहपूर्ण और वैमनस्य के वातावरण में रहना पड़ सकता है, वहीं मधुर संबंधों और सहयोगात्मक व्यवहार से आप किसी भी स्थान को स्वर्ग जैसा बना सकती हैं। इसके अलावा निम्न तरीके अपनाकर भी पड़ोसियों के साथ मधुर संबंध बनाएं जा सकते हैं ।
पड़ोसी को देखते ही मुस्कुराएं और उसे विश करें-
आप पड़ोसी को बहुत नजदीक
से नहीं जानते, बावजूद इसके जब भी आपका सामना अपने पड़ोसी से हो तो आप उसे देखते ही मुस्कुराएँ अवश्य। उसे विश करें, उसका हालचाल जानें। ऐसा करने से आप की नजदीकियां बढ़ती हैं तथा वह भी आपके साथ सहज हो जाता है।
पड़ोसी के दु:ख में अवश्य पहुंचें-
यदि आपके पड़ोसी के घर-परिवार में किसी तरह का कोई दु:ख, कोई संकट की घड़ी आ गई है और इस बारे में आपको पता चल जाता है, तो आप पड़ोसी का सहारा जरूर बनें। यदि आप ऐसा करते हैं तो कहीं ना कहीं पड़ोसी को भी अपनापन लगता है और वह आपके दु:ख में भी खड़ा होने के लिए तैयार रहता है।
अपने घर के समारोहों में
जरूर बुलाएं-
यदि आपके घर में किसी तरह का कोई समारोह हो रहा है, तो आप अपने पड़ोसी को अवश्य ही बुलाएं। इससे भी पड़ोसी के साथ आपके मधुर संबंध बनेंगे। वह भी आपके घर में आने में हिचकिचाएगा नहीं। इस तरह से आपकी नजदीकियां बढ़ेंगी और ये नजदीकियां एक-दूसरे के सहारे में बदल जाएंगी।
त्योहारों पर लेनदेन अवश्य करें –
जिस तरह से त्योहारों पर मिठाई, उपहार आदि देने का रिवाज है, इस प्रथा के चलते आप भी अपने पड़ोसी के साथ त्योहारों पर लेन-देन अवश्य रखें।
पड़ोसी की बुराई करने से बचें
यदि कहीं आपको अपने पड़ोसी की किसी तरह की किसी कमी के बारे में सुनने को मिलता है, तो उस समय में आप अपने पड़ोसी की बुराई करने से बचें। यदि पड़ोसी को इस बात का पता चलता है, तो उसके मन में आपके प्रति सम्मान की भावना रहती है और आपके मधुर संबंधों को लंबे समय तक टिकाने में यह सहायक होती है।
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