परवरिश में रखें सकारात्मक सोच

Positive thinking

चिल्लाएं नहीं

बच्चों को डांटने की बजाय तर्क के माध्यम से स्थिति से शांति से निपटने पर फोकस रखें। उनकी राय और समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनें और उनके साथ प्रभावी और स्नेहपूर्ण संवाद करें। नियम करें परिभाषित कुछ नियम बनाना बच्चों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। अपने बच्चे के साथ नियमों पर चर्चा करें और उन्हें आत्मसम्मान बढ़ाने के लिए स्वस्थ तरीके से उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित अवश्य करें।

दें अच्छा उदाहरण

बच्चे अक्सर माता-पिता के कार्यों और व्यवहार को देखते बहुत ज्यादा सिखते हैं और ऐसा ही करने की कोशिश करते हैं। इसलिए स्वस्थ आदतों और हर चीज के प्रति अच्छे दृष्टिकोण का अभ्यास करना चाहिए।

बच्चों की मजेदार गतिविधियों में शामिल होने के लिए विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं। ऐसा करके आप माता-पिता के तौर पर उनमें नैतिकता के भाव भर सकते हैं। जबकि व्यस्त दिनचर्या के चलते ज्यादा अभिभावक ऐसा नहीं कर पाते हैं। जीवन का असल मकसद और सबक सिखाने के लिए आपको उनके साथ भावनात्मक रूप से जुड़ना होगा। ऐसा करने पर बच्चे आपसे कोई बात नहीं छुपाएंगे।

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