New Delhi: भारत की डेविस कप टीम से इस बार नजरअंदाज किए जाने से बेहद खफा देश के नंबर एक पुरुष टेनिस खिलाड़ी रोहन बोपन्ना ने अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) की जमकर आलोचना की है। एआईटीए ने 22 दिसंबर को न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन से पांच फरवरी तक पुणे में खेले जाने वाले डेविस कप मुकाबले के लिए भारतीय टीम की घोषणा की थी। साकेत मिनेनी, रामकुमार रामनाथन, यूकी भांबरी, लिएंडर पेस और प्रजनेश गुणेश्वरन इस डेविस कप टीम का हिस्सा हैं। लेकिन विश्व युगल रैंकिंग में 28वें नंबर के बोपन्ना को इसमें जगह नहीं दी गई है। बोपन्ना ने एक टीवी चैनल से कहा कि शीर्ष रैंकिंग पर होने के बावजूद वह डेविस कप टीम का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि मुझे आठ दिसंबर को एआईटीए से फोन आया था कि क्या मैं डेविस कप में खेल सकता हूं या नहीं। मैंने उनसे कहा भी था कि मैं न्यूजीलैंड के खिलाफ खेलने के लिए उपलब्ध हूं। लेकिन फिर मुझे मीडिया से पता चला कि मुझे चुना नहीं गया है। उन्होंने कहा कि एआईटीए ने मुझे यह बताने तक की जरुरत महसूस नहीं की कि मैैं टीम का हिस्सा नहीं हूं। मुझे फेडरेशन के इस रवैए से बहुत दु:ख पहुंचा है। मैं भारत का युगल में शीर्ष रैंक खिलाड़ी हूं और मुझे टीम में चुना जाना चाहिए था। फेडरेशन ने मुझे कुछ तकनीकी कारण दिया था कि मैं बाएं हाथ पर खेलता हूं। लेकिन यह अजीब कारण है। 36 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी ने कहा कि वर्ष 2012 में मैं महेश भूपति के साथ खेला था और एटीपी विश्व टूर फाइनल्स में पहुंचा था। मैं उस समय दाएं हाथ पर खेला था। अगले साल फिर मैं पाब्लो क्यूवास के साथ दाएं हाथ पर खेला था। पूरी दुनिया में ही रैंकिंग ही चयन का मापदंड होता है लेकिन भारत में ऐसा नहीं है। बोपन्ना अपनी चोट के कारण स्पेन के खिलाफ पिछले विश्व ग्रुुप प्लेआॅफ मुकाबले से हट गए थे।
उस समय युगल मैच पेस और साकेत मिनेनी खेले थे। इससे पहले रियो ओलंपिक में बोपन्ना और पेस की जोड़ी पहले ही दौर में बाहर हो गई थी। Agency