श्रीनगर (एजेंसी)। Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए सबसे घातक आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को पूरे कश्मीर में पूर्ण बंद रखा गया है। यह हमला अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम के पास एक घास के मैदान में हुआ, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई। हुर्रियत नेता और मुताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने भीषण हत्याओं के विरोध में बंद का आह्वान किया था। प्रमुख व्यापार निकायों, परिवहन संघों और नागरिक समाज समूहों ने भी हड़ताल का आह्वान किया था। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) सहित मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने बंद को अपना समर्थन दिया। Srinagar News
अधिकारियों ने कहा कि श्रीनगर में सभी दुकानें, स्कूल और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे, जबकि सार्वजनिक परिवहन सड़कों से काफी हद तक नदारद रहा। घाटी के प्रमुख शहरों में भी लगभग पूरी तरह से बंद की खबर है। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती देखी गई। अधिकारियों ने कहा कि व्यापक बंद के बावजूद घाटी के किसी भी हिस्से से हिंसा की कोई घटना नहीं हुई। पिछले कई वर्षों में कश्मीर में यह पहला ऐसा पूर्ण बंद है। अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से पहले बंद एक सामान्य घटना थी, जिसे अक्सर अलगाववादी समूह कहते थे। Srinagar News
पर्यटकों की हत्या के बाद कश्मीर में मातम छा गया है। इस बीच हमले वाले स्थान पहलगाम के पास बैसरन घास के मैदान के घने जंगलों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। सेना, पुलिस, सीआरपीएफ और पैरा कमांडो की संयुक्त टीमें आतंकवादियों की तलाश में इलाके की तलाशी ले रही हैं। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घातक हमले की शुरूआती जांच से पता चला है कि छद्म वर्दी पहने कम से कम चार आतंकवादी बैसरन में घुसे और ऐसा प्रतीत होता है कि उन्होंने लक्ष्य पर गोली चलाने से पहले उनकी धार्मिक पहचान भी पूछी। मंगलवार शाम को श्रीनगर पहुंचे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। Srinagar News
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