विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा- विपक्षी लेबर पार्टी का निर्णय वोट बैंक को ध्यान में रखकर लिया गया
ब्रिटेन सरकार का मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है
न्यूयार्क। भारत ने जम्मू-कश्मीर को लेकर ब्रिटेन के विपक्षी लेबर पार्टी के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि (India rejected the proposal of Labor Party of Britain) इस मुद्दे पर लेबर पार्टी या उनके प्रतिनिधि के साथ बातचीत का कोई सवाल नहीं उठता है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय वोट बैंक को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
प्रधानमंत्री के साथ अमेरिका आए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बुधवार को यहां एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने (India rejected the proposal of Labor Party of Britain) ब्रिटेन की लेबर पार्टी के सम्मेलन में जम्मू कश्मीर के बारे में हुई गतिविधि का संज्ञान लिया है। यह अफसोस की बात है कि लेबर पार्टी ने इस मुद्दे पर बिना जानकारी के आधारहीन रुख अपनाया है।
प्रस्ताव में कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए कहा गया
लेबर पार्टी ने बुधवार को पार्टी के वार्षिक सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर को लेकर आपातकालीन प्रस्ताव पारित किया था। कश्मीर में एक आपातकालीन प्रस्ताव पारित किया था। इसमें पार्टी नेता जेरेमी कॉर्बिन से क्षेत्र में प्रवेश के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक और वहां के लोगों के लिए आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग करने के लिए कहा गया। प्रस्ताव में कॉर्बिन से अनुरोध किया गया कि वे भारत-पाक के उच्चायुक्तों से मिले और परमाणु संघर्ष रोकने के लिए क्षेत्र में मध्यस्थता और शांति बहाली सुनिश्चित करें।
लेबर पार्टी का रुख ब्रिटीश सरकार के विपरीत
हालांकि, लेबर पार्टी का यह रुख ब्रिटेन सरकार के अधिकारिक रुख के विपरीत है। ब्रिटेन सरकार का मानना है कि जम्मू-कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। वहीं, भारत का भी कहना है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है और किसी तीसरे पक्ष की इसमें कोई भूमिका स्वीकार्य नहीं है।
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