कश्मीर: पर्सनल लॉ बोर्ड समेत 7 मुस्लिम संगठनों ने कहा- अनुच्छेद 370 खत्म करने का फैसला असंवैधानिक

Kashmir: 7 Muslim Organizations Including Personal Law Board- Decision To Abolish Article 370 Unconstitutional

मुस्लिम संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा- अनुच्छेद 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले से न तो राज्य में शांति स्थापित हुई, न ही भरोसा कायम हुआ

  • बयान के मुताबिक- हमें केंद्र के उस तरीके पर आपत्ति है, जिस तरीके से जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाया गया

नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत 7 मुस्लिम संगठनों ने बुधवार को दिल्ली में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर सवाल उठाए। इन संगठनों का कहना है कि सरकार के इस कदम से न तो राज्य में शांति स्थापित हुई और न ही भरोसा कायम हुआ। सरकार का यह फैसला संविधान के मूल सिद्धांतों का ही उल्लंघन करता है।

जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने कश्मीर के मुसलमानों के मूल अधिकारों की बहाली को लेकर एक बैठक बुलाई थी। इसमें जमात-ए-इस्लामी हिंद, जमीयत अहले हदीस हिंद, ऑल इंडिया जकात फाउंडेशन, जमीयत-ए-अहले सुन्नत कर्नाटक, ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुश्वरात और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शामिल हुए। इन संगठनों ने कहा कि सरकार को जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य करने को सुनिश्चित करना चाहिए।

‘विपक्षी दलों को भी दबाया जा रहा’

संगठनों ने संयुक्त बयान में कहा- हमें इस बात पर आपत्ति है, जिस तरीके से अनुच्छेद 370 को हटाया गया। जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत विशेष दर्जा मिला हुआ था, इसे संवैधानिक तरीके से ही हटाया जाना था। विपक्ष की आवाज को भी दबाया जा रहा है। मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और हमें कोर्ट पर भरोसा है। इस पर फैसला आने के बाद ही हम अपनी रणनीति तय करेंगे। बयान में यह भी कहा गया, ‘‘संविधान में समानता, न्याय और मानवाधिकार अधिकारों की बात कही गई है। ये सिद्धांत देश में एकता और अखंडता को बनाए रखते हैं। इन सिद्धांतों को खत्म कर न शांति और भरोसा कायम नहीं किया जा सकता।’’ मुस्लिम संगठनों ने युवाओं से दुश्मन ताकतों की चालों और गैर-जिम्मेदार मीडिया की चालों में न फंसने की भी अपील की।