बेंगलुरु (एजेंसी)। कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस. सुरेश कुमार ने शनिवार को राज्य भर के निजी संस्थानों को फीस का भुगतान न करने पर छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं रोकने के खिलाफ चेतावनी दी। कुमार ने यहां एक बयान में कहा कि इस संबंध में उच्चतम न्यायालय का आदेश बिल्कुल स्पष्ट है। अगर छात्रों की ऑनलाइन कक्षाएं रोकने की कोई शिकायत मिलती है तो सरकार कानूनी कार्रवाई करेगी। अभिभावक उनके पास या संबंधित बीईओ के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऑनलाइन कक्षा बंद करने वाले ऐसे संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्री-यूनिवर्सिटी शिक्षा विभाग ने प्री-यूनिवर्सिटी के पहले वर्ष में सभी छात्रों को परीक्षा रद्द कर दी है और यह स्पष्ट कर दिया है कि आने वाले वर्षों में वह इसका आकलन करने के लिए औपचारिक प्रक्रिया की तलाश करेंगे कि छात्र निरंतर सीखने का प्रयास कर रहे हैं या नहीं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विभिन्न विभागों से उपलब्ध छात्रवृत्ति और आगे की कक्षाओं में नामांकन सहित विभिन्न लाभों का लाभ उठाने के साथ ही पढ़ाई पर भी ध्यान केन्द्रित करें। उन्होंने कहा कि विभाग के परिपत्र के मुताबिक पीयू के प्रथम वर्ष के छात्रों को परीक्षा देने के लिए कॉलेज में शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं है।
छात्र को व्हाट्सऐप, ईमेल और मेल के जरिये असाइनमेंट दिया जा सकता है। नमूना प्रश्न पत्र विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। प्रश्न पत्र के लिंक विभाग के डेटाबेस में नामांकित छात्रों के मोबाइल नंबर पर भी भेजे गये हैं। घर पर असाइनमेंट के उत्तर तैयार करने के बाद, छात्र डाक, व्हाट्सऐप, ईमेल आदि किसी भी तरीके से उसे भेज सकते हैं। व्याख्याताओं को न्यूनतम अंक देने और उत्तर पत्र जमा करने वाले छात्रों को उचित मूल्यांकन प्रदान करने का निर्देश दिया गया है, जो बच्चों के भविष्य के लिए आवश्यक है।
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