करनाल लघु सचिवालय में दिल्ली बॉर्डर जैसा नजारा

पक्का धरना लगाने के लिए किसानों ने गाड़े टैंट

  • कहीं नारेबाजी तो कहीं चल रही चाय की चुस्कियां

करनाल (सच कहूँ न्यूज)। बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों के ऊपर हुए पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में करनाल के लघु सचिवालय के बाहर हजारों किसान धरने पर बैठे हैं। ये किसान पूरी रात बिना थके बैठे रहे। बुधवार को जैसे ही दिन की शुरूआत हुई तो किसानों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके साथ ही किसानों ने धरनास्थल पर पक्के मोर्चे की तैयारी करते हुए टेंट गाड़ लिए है। सुरक्षा के मद्देनजर लघु सचिवालय के गेट पर पैरामिलिट्री फोर्स और पुलिस के जवान तैनात हैं।

जवानों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि किसान किसी भी सूरत में अंदर नहीं जाने चाहिएं। दूसरी ओर किसानों ने भी सचिवालय में आवाजाही को रोक रखा है। उनका सफ कहना है कि वे न तो किसी को अंदर जाने देंगे और न ही कोई काम होने देंगे। हालांकि राहत की बात ये रही कि शहर में आवाजाही सुचारू रूप से बहाल हो गई है। अब किसी को कहीं आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी, लेकिन लघु सचिवालय न आने की अपील की गई है, क्योंकि यहां होने वाले सभी काम बाधित हो सकते हैं।

दरअसल, किसानों ने किसी भी अधिकारी को लघु सचिवालय में प्रवेश न करने देने का ऐलान किया है। उधर, प्रशासन की तरफ से भी अभी तक आमजन व कर्मचारियों के कामकाज को लेकर कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। लघु सचिवालय में बने कार्यालयों में रोजाना 5000 लोग पहुंचते हैं, लेकिन अपील है कि सचिवालय के कामकाज के लिए जरूरी न हो तो आज न आएं।

लघु सचिवालय में हैं ये कार्यालय

लघु सचिवालय में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, एसडीएम, ई-दिशा केंद्र, सीएम विंडो, तहसील, ट्रेजरी, अतिरिक्त उपायुक्त, डीआरओ, डीडीपीओ, डीईओ, निर्वाचन आयोग, श्रमिक कार्यालय हैं। इसके अलावा बैंक, समाज कल्याण, जिला कल्याण, और रोजगार विभाग भी हैं।

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चाय की प्याली और नारेबाजी

सुबह 7 बजे सचिवालय के चारों तरफ किसान व पुलिस कर्मचारी-अधिकारी टहल रहे थे। जगह-जगह टोलियों में बैठे किसानों के हाथों में चाय की प्याली थी। कई किसानों ने तो लकड़ियों में आग लगाकर अंगार तैयार कर रहे थे। एक बड़ा समूह जय किसान, भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद और किसान विरोधी नारेबाजी कर रहा है।

करनाल में इंटरनेट सेवा बंद, बाकी बहाल

वहीं खबर है कि प्रदेश सरकार द्वारा इंटरनेट सेवा को करनाल में 8 सितंबर के दिन भी बंद रखने का ऐलान किया गया है। जबकि बाकी सभी जिलों की इंटरनेट सेवा को बहाल कर दिया गया है। 7 सितंबर के किसान आंदोलन को देखते हुए करनाल के साथ-साथ कैथल, कुरुक्षेत्र, पानीपत व जींद जिले की इंटरनेट सेवा पर पाबंदी लगा दी गई थी।

 

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