चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। 28 अगस्त को करनाल में किसानों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ एक याचिका पर हाई कोर्ट ने एडवोकेट जनरल हरियाणा को संक्षिप्त स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है। शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने चीफ जस्टिस रवि शंकर झा पर आधारित बेंच के सामने पेश होकर याचिका में लगाए गए आरोपों को नकारा। सभी पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने एडवोकेट जनरल हरियाणा को अगली सुनवाई पर इस मामले में संक्षिप्त स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा। दायर याचिका में इस घटना की हाई कोर्ट के सेवानिवृत जज की अध्यक्षता में न्यायिक जांच करवाने की मांग की गई है।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस कार्रवाई से कई किसानों को चोटें आई हैं। याचिका में जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों और एसडीएम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और विभागीय कार्रवाई के आदेश देने का आग्रह किया गया है। याचिका में कोर्ट को बताया गया कि करनाल के एसडीएम आयुष सिन्हा एक वीडियो में पुलिस को प्रदर्शनकारियों का सिर फोड़ने का निर्देश दे रहे थे। याचिका में नागरिक और पुलिस प्रशासन करनाल के अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच करने की मांग की गई है। याचिका के साथ एसडीएम की एक वीडियो क्लिप भी संलग्न की गई थी।
याचिका करनाल जिले के मुनीश लाठेर और अन्यों द्वारा दायर की गई है, जो 28 अगस्त की घटना में घायल हो गए थे। उन्होंने सभी घायल पीड़ितों को उनके मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए पर्याप्त मुआवजा प्रदान करने की भी मांग की है। याचिका में एसडीएम आयुष सिन्हा, डीएसपी वीरेंद्र सैनी और इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह के साथ-साथ अन्य अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। याचिका में अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह), डीजीपी हरियाणा, एसपी करनाल, डीएसपी वीरेंद्र सैनी, एसडीएम आयुष सिन्हा और करनाल के निरीक्षक हरजिंदर सिंह को प्रतिवादी बनाया गया है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।