नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को कांवड़ यात्रा के अपने निर्णय पर अमल की अनुमति नहीं होगी। न्यायमूर्ति रोहिंगटन एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की खंडपीठ ने कहा कि कोविड महामारी को देखते हुए राज्य सरकार को कांवड़ यात्रा के आदेश के अनुपालन की अनुमति नहीं होगी। राज्य सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे और सोमवार तक खंडपीठ को अवगत कराए। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को अवगत कराया कि कोरोना की विभीषिका के मद्देनजर केंद्र सरकार इस तरह की यात्रा की अनुमति नहीं देती।
राज्य सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करके सोमवार तक उसे अवगत कराने का दिया निर्देश
इस पर न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हो रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन से कहा कि केंद्र के इस मंतव्य के बाद राज्य सरकार कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दे सकती। वैद्यनाथन ने न्यायालय से इस मामले में व्यापकता से विचार करने का अनुरोध किया, लेकिन न्यायमूर्ति नरीमन ने कहा, ‘या तो हम सीधे आदेश पारित करेंगे या आपको एक मौका और देंगे ताकि आप अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर सकें।बाद में न्यायालय ने राज्य सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करके सोमवार तक उसे अवगत कराने का निर्देश दिया।
- न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार कांवड़ यात्रा के अपने फैसले पर अमल नहीं कर सकेगी।
- न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस फैसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए बुधवार को नोटिस जारी किया था।
क्या है मामला
गौरतलब है कि कांवड़ यात्रा 25 जुलाई से शुरू होनी है। उत्तराखंड सरकार ने कोरोना की विभीषिका को देखते हुए कांवड़ यात्रा रोक लगा दी है, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे जारी रखने का फैसला किया है।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, link din , YouTube पर फॉलो करें।