देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में चौथे नंबर पर कानपुर

air polluted

कानपुर (एजेंसी)। शहर की हवा दिल्ली से भी अधिक खतरनाक हो गई है। यहां वायुमंडल में जहरीली गैसों का स्तर मानक से कई गुना अधिक मिला है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा गुरुवार को जारी रिकार्ड चौंकाने वाला है। इसमें पीएम 2.5, सीओटू, सीओ, एसओटू, एनओटू की मात्रा सांसों के लिए नुकसानदायक मिली है। आंकड़ों के हिसाब से कानपुर देश का चौथा सबसे प्रदूषित शहर है। सीपीसीबी के नेहरू नगर स्थित मॉनीटङ्क्षरग स्टेशन से प्रत्येक मिनट में ऑनलाइन डाटा जारी होता है। इसमें पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5), कार्बन डाईऑक्साइड (सीओटू), कार्बन मोनोऑक्साइड (सीओ), सल्फर डाईऑक्साइड (एसओटू), नाइट्रोजन डाईऑक्साइड (एनओटू), ओजोन और अन्य गैसों का वायु गुणवत्ता सूचकांक तैयार होता है।

गुरुग्राम सबसे प्रदूषित शहर

पीएम 2.5 पर आंकलन के अनुसार गुरुग्राम का सबसे अधिक 372 पाया गया है। इसके बाद भिवाड़ी 346, गाजियाबाद 330 और चौथे नंबर पर कानपुर का स्तर 316 है। इसी तरह नोएडा का 316, फरीदाबाद का 308, मुजफ्फरनगर 300, बागपत का 298, दिल्ली का 297, ग्रेटर नोएडा का 293, पटना का 283, बुलंदशहर का 280, मुजफ्फरपुर का 269, लखनऊ का स्तर 266 पर है। यह मात्रा माइक्रोग्राम प्रतिमीटर क्यूब है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कुलदीप मिश्रा के मुताबिक तापमान कम होने पर हानिकारक गैसों का घनत्व वायुमंडल के सबसे निचली स्तर पर बढ़ता जाएगा।

फेफड़ों के लिए हानिकारक स्तर

जहरीली गैसें फेफड़ों और सांसों के लिए हानिकारक स्तर तक पहुंच गई। इसमें पीएम 2.5 का स्तर 500, एनओटू का स्तर 160, एसओटू का स्तर 27, सीओ का स्तर 190 और ओजोन का स्तर 84 है। पिछले साल की तरह इस वर्ष भी वायु प्रदूषण की खतरनाक स्थिति न हो, उसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड जिला प्रशासन से मिलकर जल्द ही एडवाइजरी जारी करेगा। इसमें नगर निगम, केडीए, आवास विकास, वन विभाग, केस्को, परिवहन विभाग, आरटीओ आदि शामिल किए जाएंगे।

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