कालूआना माईनर टूटी, 150 एकड़ में खड़ी नरमा व ग्वार बर्बाद

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सच कहूँ/रोहित/कालांवाली।

कालांवाली-सुखचैन रोड पर स्थित कालूआना ब्रांच नहर शुक्रवार को टूटने से गांव गदराना व तारूआना के किसानों की लगभग 150 एकड़ खड़ी नरमा व ग्वारा आदि की फ सल में पानी भर गया और साथ ही किसानों के एक दर्जन नलकूपों की मोटर भी पानी की भेंट चढ़ गई। एसडीएम बिजेंद्र सिंह व किसानों की ओर से विभाग के अधिकारियों को बार-बार सूचित करने के कई घंटों बावजूद भी नहरी विभाग का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा।

जिस पर ग्रामीणों और किसानों ने सरकार व संबंधित विभाग के प्रति रोष जाहिर कर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने और खराब हुई फसल व मोटरों का मुआवजा देने की मांग की है। सरपंच बेअंत सिंह व तारूआना व गदराना के किसानों रेशम सिंह, काला सिंह, जगसीर सिंह, मंदर सिंह, भूपेंद्र सिंह, जगपाल सिंह, महक सिंह, पूर्व सरपंच दर्शन सिंह, कर्म चंद, महक सिंह, दलबीर सिंह, सुखदेव सिंह, बलजिंद्र सिंह, जैला सिंह ने बताया कि जब अपने खेत में चारपाई पर सोए हुए थे।

इस दौरान उन्हे करीब 4 बजे नहर टूटने के बारे में पता चला। माईनर टूटने की सूचना मिलने पर एसडीएम बिजेंद्र सिंह, नायब तहसीलदार राम निवास विभाग के कर्मचारियों के साथ करीब नौ बजे मौके पर पहुंचे। जिसके बाद दो जेसीबी मशीनों की सहायता से बंद करने काम शुरू किया गया।

नहर टूटने की जांच करवाई जा रही है

नहर टूटने की सूचना मिली थी जिस पर अधिकारियों को मौके पर भेज दिया था। नहर किस कारण टूटी है इसकी जांच भी करवाई जाएगी। सफ ाई के बारे में पूछने पर उन्होंने बताया कि उनके पास कर्मचारियों की कमी है जिसकी वजह से सफ ाई और देखभाल सही तरीके से नहीं हो रही है। वहीं उन्होंने बताया कि पहले साल में दो बार नहरों की सफ ाई करवाई जाती थी। पहले मनरेगा के तहत सफ ाई करवाई जाती थी लेकिन इस बार टेंडर देने भी देरी हो गई।

किसानों ने की गिरदावरी की मांग

ओढां (राजू)। गांव सुब्बाखेड़ा से दौलतपुर खेड़ा के मध्य मम्मड़ ब्रांच टूटने से करीब 100 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। मम्मड़Þ खेड़ा के बुर्जी न. 62 हजार के निकट अचानक दरार आ गई। सूचना पाकर एसडीओ राजेन्द्र कुमार व जेई योगेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर ब्रांच को मुख्य हैड से बंद करवाकर टूटे हिस्से को पाटने का कार्य शुरू करवाया।

नहर टूटने से किसानों की करीब 100 एकड़ में खड़ी नरमे की फसल जलमग्न हो गई तो वहीं टैयूबवैलों में भी पानी घुसने के कारण किसानों का नुकसान हुआ है। किसानों ने प्रशासन से स्पेशल गिरदावरी की मांग करते हुए सहायता की गुहार लगाई है।

 

 

 

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