Body Donation: ओढ़ां, राजू। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जीते जी तो मानव सेवा करते ही हैं बल्कि मरणोपरांत भी कुछ ऐसा कार्य कर जाते हैं जिसके चलते वे समाज में हमेशा के लिए प्रेरणास्त्रोत बन जाते हैं। इसका एक उदाहरण ब्लॉक श्री जलालआणा साहिब की मंडी कालांवाली के जोन नंबर 1 के प्रेमी सेवक राजकुमार इन्सां के जीजा जंगीर सिंह कालोनी निवासी जगदीश इन्सां के रूप में देखा गया। जहां उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु इलाही नारों के बीच दान कर दी गई। Sirsa News
करीब 52 वर्षीय प्रेमी जगदीश इन्सां पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे, शुक्रवार रात्रि सचखंड जा विराजे। जगदीश इन्सां ने पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां से नाम शब्द की अनमोल दात प्राप्त की हुई थी। उनके पुत्र वकील इन्सां व ऋतिक इन्सां ने बताया कि उनके पिता ने पूज्य गुरु जी की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत अपना शरीर मेडिकल शोध हेतु दान करने का प्रण लिया हुआ था।
बेटा बेटी एक समान मुहिम के तहत बेटी शिनु इन्सां ने दिया अर्थी को कंधा
जगदीश इन्सां ने अपनी पत्नी अंगूरी देवी इन्सां के समक्ष कई बार जिक्र किया था कि उसके मरणोपरांत उसका शरीर इंसानियत हित में दान करना है, उसने इस कार्य में समाज व लोकलाज की कोई परवाह नहीं करनी। अपने पति की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए अंगूरी देवी इन्सां ने जगदीश इन्सां के मरणोपरांत शनिवार को उनकी मृत देह इंटीग्रल इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च इंटीग्रल यूनिवर्सिटी लखनऊ (उत्तर प्रदेश ) को दान कर दी। प्रेमी जगदीश इन्सां को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन एस वैल्फेयर कमेटी के सदस्य, साध-संगत, गणमान्य लोग, परिजन एवं रिश्तेदार तथा काफी संख्या में लोग मौजूद रहे। उपस्थितजनों ने सचखंडवासी जगदीश इन्सां अमर रहे के नारे लगाकर एवं सैल्यूट कर उनकी मृत देह को फूलों से सजी गाड़ी में अंतिम विदाई दी।
वहीं बेटा बेटी एक समान मुहिम के तहत प्रेमी जगदीश इन्सां की अर्थी को कंधा उनकी बेटी शिनु इन्सां, बहन शिमला देवी व संतोष देवी तथा भतीजी मानसी इन्सां व बबीता इन्सां ने दिया। सचखंडवासी जगदीश इन्सां का नाम मंडी कालांवाली के 19वें शरीरदानी के रूप में हमेशा याद रखा जाएगा। ब्लॉक प्रेमी सेवक मुकेश इन्सां ने बताया कि प्रेमी जगदीश इन्सां सेवा-सुमिरन व मानवता भलाई कार्यांे में आगे रहते थे। Sirsa News
डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जगदीश इन्सां के परिजनों ने उनका शरीरदान कर महान कार्य किया है। समाज एवं लोकलाज की परवाह किए बगैर शरीरदान कर देना एक बड़ा प्रेरणादायक एवं नेक कार्य है। इसके लिए उक्त परिवार की जितनी सराहना की जाए उतनी कम है। – हरबंस सिंह, एमसी
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