किशोरी को बहला-फुसलाकर कर ले जाने के मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(पॉक्सो विशेष) मुमताज अली की अदालत में विचाराधीन था मामला
कैराना। (सच कहूँ न्यूज) कोर्ट ने किशोरी को बहला-फुसलाकर कर भगा ले जाने के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष के कारावास व अर्थदंड की सजा सुनाई है। वही, किशोरी के बयान के आधार पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया है।
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विशेष लोक अभियोजक पुष्पेन्द्र मलिक ने बताया कि चार मई 2022 को एक व्यक्ति ने कोतवाली शामली पर अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें आकाश पुत्र ओमपाल व सचिन पुत्र मिंटू निवासी ग्राम लिलोन पर अपनी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने तथा उसके साथ में जबरदस्ती दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। विवेचक ने मामले की जांच करके आरोप-पत्र न्यायालय में दाखिल किया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से दस गवाह न्यायालय के समक्ष पेश किये गए। यह मामला कैराना स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश(पॉक्सो विशेष) मुमताज अली की कोर्ट में विचाराधीन था।
सोमवार को विद्वान न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिवक्ताओं के तर्क-वितर्क सुनने एवं पत्रवालियों का अवलोकन करने के पश्चात आरोपी आकाश व सचिन को धारा 363 आईपीसी के तहत दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास व पांच-पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर कोर्ट ने दोनों दोषियों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए है। वही, विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि कोर्ट ने किशोरी के बयान के आधार पर दोनों आरोपियों को दुष्कर्म के आरोप से बरी कर दिया है।
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