किशोर न्याय संशोधन विधेयक 2018 (Juvenile Justice Amendment Bill) लोकसभा में पेश किया गया
नई दिल्ली (एजेंसी)। अनाथ बच्चों के गोद लेने संबंधी आदेश जारी करने का अधिकार अदालतों की जगह जिला मजिस्ट्रेटों को देने के प्रावधान वाला किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2018 (Juvenile Justice Amendment Bill) सोमवार को लोकसभा में पेश किया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गाँधी ने सदन में यह विधेयक पेश किया।
विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों के कथन में बताया गया है कि अनाथ बालकों के गोद लेने का आदेश जारी करने का अधिकार सिर्फ अदालतों के पास होने से इसमें अकारण देरी होती है क्योंकि अदालतों पर काम का बोझ काफी ज्यादा है। इस साल 20 जुलाई को ऐसे 629 मामले विभिन्न अदालतों के पास लंबित हैं।
क्या था मामला:
आदेश जारी होने में देरी की वजह से अनाथ बच्चों को परिवार मिल जाने के बाद भी उन्हें बाल गृह में इंतजार करना पड़ता है। इस मुद्दे का समाधान करने के लिए विधेयक जिला मजिस्ट्रेटों को यह अधिकार देता है कि वे बच्चों के गोद लेने संबंधी आदेश जारी कर सकते हैं। साथ ही पुराने सभी मामले जो अदालतों के पास लंबित हैं उन्हें संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को स्थानांनतरित करने का प्रावधान भी विधेयक में किया गया है।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।