सीजेआई यौन उत्पीड़न मामला
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन-उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही इन-हाउस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें क्लीनचिट दे दी है। उच्चतम न्यायालय के महासचिव ने सोमवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय इन-हाउस कमेटी ने वरीयता क्रम में अपने बाद के दूसरे वरिष्ठ जज को कल (पांच मई को) रिपोर्ट सौंप दी। समिति में दो महिला न्यायाधीश- न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा- शामिल हैं।
विज्ञप्ति के अनुसार समिति को शीर्ष अदालत की पूर्व अधिकारी एवं शिकायतकर्ता के आरोपों में कोई तथ्य नजर नहीं आया। विज्ञप्ति के अनुसार, इंदिरा जयसिंह बनाम उच्चतम न्यायालय मामले में 2003 के फैसले के अनुसार इन-हाउस जांच प्रक्रिया के तहत गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि शीर्ष अदालत की एक पूर्व अधिकारी ने मुख्य न्यायाधीश पर यौन-शोषण का आरोप लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं होगी
बयान में आगे बताया गया, ‘आंतरिक जांच समिति को सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व कर्मचारी द्वारा 19 अप्रैल 2019 को की गई शिकायत में लगाए गए आरोपों में कोई भी ठोस आधार नहीं मिला।’ प्रेस रिलीज में रउ ने साफ कहा है कि कमिटी की रिपोर्ट के कॉन्टेंट्स (जो इन-हाउस प्रसीजर का हिस्सा है) को इंदिरा जयसिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के 2003 के फैसले के अनुसार सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
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