पीडब्ल्यू. स्मिथ अमेरिका के मशहूर जज थे। एक बार उनकी गाड़ी से टकराकर एक व्यक्ति घायल हो गया। तत्काल भीड़ इकट्ठा हो गई और सभी लोग कार चालक को भला-बुरा कहने लगे। लेकिन जब लोगों को पता चला कि कार चालक जाने-माने न्यायाधीश स्मिथ हैं, तो लोग घायल व्यक्ति को ही दोषी ठहराने लगे। स्मिथ ने कहा कि इस समय कौन दोषी है, इसका फैसला आप नहीं कर सकते। इसका निर्णय तो अदालत करेगी। इस समय तो इस घायल शख्स को मदद की सख्त जरूरत है। स्मिथ घायल व्यक्ति को अस्पताल ले गए और उसकी मरहम पट्टी कराई। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में तैनात पुलिसकमिर्यों से कहा- यह मेरी गाड़ी से घायल हुआ है, मेरे खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
पहले तो पुलिस वालों ने आनाकानी की, लेकिन स्मिथ के दबाव पर केस दर्ज हुआ।
दूसरे दिन पुलिस ने उन्हीं के सामने यह केस पेश किया। कुछ ही दिनों पहले स्मिथ ने इसी तरह के एक हादसे में एक व्यक्ति को 15 दिन की कैद या 15 डॉलर जुर्माने की सजा सुनाई थी। उसी को नजीर मानकर उन्होंने अपने को वही सजा सुना दी, फिर पुलिस से कहा- मुझे जेल ले चलो। पुलिस वाले सीनियर अफसरों के आदेश के बिना उन्हें जेल कैसे ले जाते! उन्होंने इसकी सूचना मुख्य न्यायाधीश को दी।
मुख्य न्यायाधीश स्मिथ की अदालत पहुंचे और कहा- हमें आपके निर्णय पर गर्व है। यदि सभी जज आपकी तरह इंसाफ करने लगें तो लोगों का न्याय पर भरोसा और मजबूत होगा। आपने अपना फैसला सुना दिया। अब मेरा निर्णय सुनिए। मुख्य न्यायाधीश ने कैद की जगह 15 डॉलर का जुर्माना देकर स्मिथ को बरी कराया।
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