सरसा। अगर आपकी सुबह की शुरूआत गौरैया की चहचहाहट से हो तो पूरा दिन बहुत सुहावना लगता है पर आज के जमाने में बड़े शहर में गौरैया का मिलना लगभग असंभव है और साथ ही गांव में भी इनकी प्रजाति धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। गौरैया हमारे पर्यावरण और हमारे जीवन के लिए बहुत जरूरी है, इसलिए इनकी रक्षा करना हमारा मानव अधिकार है। इसी महत्व को समझते हुए विश्व भर में हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है। आपको बता दें कि पहला विश्व गौरैया दिवस 2010 में मनाया गया था।
वहीं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की बेटी रूह दी हनीप्रीत इन्सां ने ट्वीट कर लिखा कि प्रभु की इन नन्हीं पंखों वाली कृतियों की चहचहाहट और चहचहाहट आत्मा को असीम आनंद देती है। इस #WorldSparrowDay पर, आइए गुरु पापा सेंट डॉ द्वारा निर्देशित इन्हें खिलाकर और पानी को अलग रखकर अपने हिस्से की रक्षा और योगदान करने का संकल्प लें।
The tweets & chirps of these tiny winged creations of the Lord bring immense happiness to the soul.
On this #WorldSparrowDay, let's pledge to protect & contribute our part by feeding these & keeping water aside daily, as guided by Guru Papa St Dr. @Gurmeetramrahim Singh Ji Insan— Honeypreet Insan (@insan_honey) March 20, 2023
कैसे करें गौरैया का संरक्षण?
- गौरैया के लिए घर की छत, बाउंड्री या खुले आंगन में उनके लिए साफ पानी और दाने रखें। सिर्फ गर्मी नहीं बल्कि हर मौसम में आपको उनके लिए पानी और दाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
- अगर आपके घर में गौरैया घोसला बनाती हैं तो आपको उनके लिए घोसले की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।
- अगर आपके घर के अंदर गौरैया आती है तो पंखा या कूलर बंद रखें।
- नायलॉन (nylon) या चीनी मांझे का इस्तेमाल न करें, ताकि इससे गौरैया या अन्य पक्षियों को चोट न लगें।
- ज़्यादा से ज़्यादा पेड़ लगाएं ताकि गौरैया और अन्य पक्षी सुरक्षित रहें और उनकी प्रजाति विलुप्त न हो।
- कार्बन फूट्रिंट को कम करने की कोशिश करें, जिससे ग्लोबल वार्मिंग कम हो और गर्मी के कारण पक्षी ना मरें।
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