पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने ऐसे वाहनों पर लगाई है पाबंदी
बठिंडा(अशोक वर्मा)। बठिंडा ट्रैफिक पुलिस को शहर की सड़कों पर घूमते ‘जुगाड़ू’ किस्म के वाहन नजर नहीं आ रहे हैं। पंजाब व हरियाणा (Junkies Racing On Road Unimaginable, Inviting Accidents) हाईकोर्ट ने ऐसे वाहनों पर रोक लगाई हुई है परंतु बठिंडा में इस पाबंदी की धज्जियां उड़ती आम ही देखी जा सकती हैं। देखने में आया है कि लोग मोटरसाईकल के पीछे रेहड़ी का प्रयोग करते हैं, जिसका प्रयोग ढुलाई के लिए किया जाता है। कबाड़ीए व अन्य छोटे कारोबारियों, खास तौर पर गैस सिलेंडर बांटने के लिए भी मोटरसाईकल-रेहड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं।
ट्रैफिक पुलिस अधिकारी नहीं दे रहे इस ओर ध्यान
बठिंडा जिले में इसे आम बोलचाल की भाषा में ‘देसी जुगाड़’ कहा जाता है। तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि यह ‘देसी जुगाड़’ गैरकानून्नी हैं व (Junkies Racing On Road Unimaginable, Inviting Accidents) हादसों का कारण बनते हैं, जिनको रोकने के लिए पुलिस की तरफ से कुछ नहीं किया जाता है। विवरणों मुताबिक मोटर वाहन एक्ट 1988 के अंतर्गत किसी भी प्राईवेट वाहन में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता और सिर्फ तेल की टंकी आदि में बहुत छोटा सा बदलाव किया जा सकता है।
इसी तरह पंजाब मोटर वाहन रूल्ज 1989 की धारा 186 मुताबिक किसी भी प्राईवेट वाहन के पीछे कोई रेहड़ी वगैरह नहीं बांधी (Junkies Racing On Road Unimaginable, Inviting Accidents) जा सकती है। रेहड़ी बांधने के बाद में वाहन का बीमा भी कानूनी तौर पर जायज नहीं रह जाता है। देसी जुगाड़ों का कोई रोड टैक्स भी नहीं भरा होता व बिना पर्मिट ऐसे वाहन सड़क पर नहीं चल सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि केंद्रीय मोटर वाहन रूलस 1989 की धारा 124 मुताबिक हर स्पेयर पार्ट आईएसआई मार्क होना जरूरी है वहीं दूसरी तरफ ऐसी मोटरसाईकल-रेहड़ियों के साथ सम्बन्धित खास तथ्य है कि इनके लिए चोरी के मोटरसाईकल इस्तेमाल किए जाने के भी चर्चे हैं।
थाना कोतवाली पुलिस ने 18 जुलाई 2017 को गांव जय जे सिंह वाला के साथ सम्बन्धित मोटरसाईकल चोर गिरोह के 6 सदस्यों को गिरफ़्तार किया था जिन्होंने वाहन चोरी करने उपरांत उनके इंजन व अन्य स्पेयर पार्ट आटो-रेहड़ियां बनाने वालों को बेचे थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 24 चोरी किए मोटरसाईकल बरामद किए थे, जिनमें तीन आॅटो-रेहड़ियां भी शामिल हैं। पुलिस की ओर से उस के बाद में ध्यान ही नहीं दिया गया जिस कारण बठिंडा जिले में ऐसे मोटरसाईकल-रेहड़ियों का धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है।
किला मुबारक क्षेत्र के निवासी बनारसी दास अग्रवाल का कहना था कि शरेआम सड़कों पर घूमते ऐसे-ऐसे खस्ता हाल जुगाड़ी वाहनों के कारण किसी समय पर भी बड़ा हादसा घटित हो सकता है परंतु किसी को कोई परवाह नहीं है। उन्होंने बताया कि जब यह गैस सिलेंडरों से भरे होते हैं तो खतरा ओर भी बढ़ जाता है क्योंकि हादसे की सूरत में आग या धमाके से मानवीय जिंदगीयां खतरे में पड़ सकती हैं। उन्होंने बताया कि शहर के हर चौक में ट्रैफिक पुलिस के दो या तीन कर्मचारी अक्सर मौजूद होते हैं परंतु उनकी नजरों के सामने से गुजरते जुगाड़ी वाहन चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल : कुसला
सामाजिक कार्यकर्ता साधू राम कुसला का कहना था कि पुलिस प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा लोगों को हादसों के रूप में भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वाहन जहां यातायात में बाधा डाल रहे हैं वहीं किसी किस्म का टैक्स न भरने कारण सरकारी खजाने को भी रगड़ा लग रहा है। उन्होंने कहा कि कि पुलिस यातायात कानूनों संबंधी जागरूक भी करती है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान काटे जाते हैं परंतु जुगाड़ू वाहनों का बेखौफ नाकों से बच निकलना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडेÞ करता है।
कार्रवाई के लिए आदेश : एसएसपी
सीनियर पुलिस कप्तान बठिंडा डॉ. नानक सिंह का कहना था कि आम लोगों की सुरक्षा के साथ जुड़ा यह गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि वह ट्रैफिक पुलिस को ऐसे वाहनों को चैक करन के लिए कहेंगे व जो भी बेनियमी सामने आई उस मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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