अमेरिका के सबसे युवा राष्ट्रपति थे केनेडी

John F Kennedy

आज ही के दिन 1963 को अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी की टेक्सास राज्य के डैलस में एक हथियारबंद व्यक्ति ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। केनेडी का काफिला डैलस हवाई अड्डे से शहर के बीच की तरफ बढ़ रहा था कि तभी एक इमारत से उन पर गोली चलाई गई। केनेडी खुली गाड़ी में जा रहे थे उसी दौरान उन पर तीन गोलियां चलाई गई, दो गोलियां उनके सिर और एक गले में लगी। उप राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन एक दूसरी कार में थे। केनेडी के बाद उन्हें अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ दिलाई गई। जॉन एफ केनेडी अमेरिका के सबसे युवा राष्ट्रपति थे।

20 जनवरी, 1961 को जब केनेडी ने अमेरिका के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति 70 साल के आइजनहावर से पद भार लिया तो कहा, “यह मत पूछो कि तुम्हारा देश तुम्हारे लिए क्या कर सकता है। पूछो कि तुम अपने देश के लिए क्या कर सकते हो।” यह उनके भाषण की सबसे अहम लाइन साबित हुई। करीब 50 साल बाद एक किताब में जिक्र आया कि किस तरह यह लाइन केनेडी के पूर्व हेडमास्टर की थी, जो वह अपने छात्रों में उत्साह भरने के लिए कहा करते थे।

केनेडी अमेरिका में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले राष्ट्रपतियों में शुमार हैं। उनके वक्त में अमेरिका में रंगभेद नीति के खिलाफ उबाल आया और मार्टिन लूथर किंग जूनियर भी उसी दौरान उफान पर थे। केनेडी ने शीत युद्ध के काल में बिलकुल अलग रवैया अपनाते हुए एलान किया कि उनका देश चांद पर जाएगा। उसी दशक में 1969 में अमेरिका के नील आर्मस्ट्रांग चांद पर पहुंचने वाले पहले इंसान बने। केनेडी लीक से हट कर सोचने वाले राष्ट्रपतियों में गिने जाते हैं। 1963 में उन्होंने बंटे हुए जर्मनी में पश्चिमी बर्लिन में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने कहा, इष बिन आइन बर्लिनर। यानि मैं बर्लिनवासी हूं।

 

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