ताशकंद में तलवारबाजी के जौहर दिखाएगी जीन्द की बेटी कनुप्रिया

Kanupriya sachkahoon

24 फरवरी से तीन मार्च तक होगी चैंपियनशिप

जींद (सच कहूँ/जसविन्द्र)। जीन्द की बेटी कनुप्रिया (Kanupriya) चावला तलवारबाजी में 24 फरवरी से तीन मार्च तक ताशकंद में एशियाड जूनियर और कैडेट तलवारबाजी चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व करेगी। इन खेलों में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करने वाली वो एकमात्र महिला खिलाड़ी है। डिफेंस कॉलोनी निवासी यह 14 साल की खिलाड़ी 17 और 20 आयु वर्ग में तलवारबाजी के फेंसिंग स्पर्धा में अंतरराष्ट्रीय और कामनवेल्थ फेंसिंग चैंपियनशिप में दमखम दिखाएगी।

इससे पूर्व भी कनुप्रिया (Kanupriya) कई जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुकी है। वहीं मार्च में दुबई में होने वाली अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप और अप्रैल में इंग्लैंड में होने वाली कामनवेल्थ फेंसिंग चैंपियनशिप के लिए उसका चयन हुआ है। शहर के क्राइस्ट राजा स्कूल की आठवीं कक्षा की छात्रा कनुप्रिया तलवारबाजी में अपनी उम्र से बड़े आयु ग्रुप की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर पदक जीत रही हैं। कनुप्रिया ने पिछले साल मार्च में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में चार पदक जीते थे।

2017 से ले रही है तलवारबाजी खेल का प्रशिक्षण

वर्ष 2017 में उसने तलवारबाजी खेल का प्रशिक्षण लेना शुरू किया। राज्य और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में कनुप्रिया ने नौ पदक जीते हैं। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डॉ. ए.के. चावला की पौत्री कनुप्रिया चावला खेल के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे रहती है। 22 से 23 जनवरी 2020 में क्रोएशिया में होने वाली विश्व जूनियर तलवारबाजी चैंपियनशिप के लिए उसका चयन हुआ हुआ था, जिसमें वह चयनित फेंसर थी। लेकिन कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते टीम को अंतिम समय पर नहीं भेजा गया था।

ये हैं उपलब्धियां

कनुप्रिया (Kanupriya) ने उत्तराखंड के रुद्रपुर में 15 से 17 मार्च 2021 तक नेशनल जूनियर फेंसिंग चैंपियनशिप में टीम इवेंट में कांस्य पदक जीता। ओडिशा के कटक में 24 से 26 मार्च तक हुई नेशनल सब जूनियर फेंसिंग चैंपियनशिप में व्यक्तिगत स्पर्धा में कांस्य पदक और टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीता। गुजरात के नाडियाड में 2020 में हुए 65वें स्कूल गेम्स में अंडर-14 में टीम इवेंट में कनुप्रिया ने रजत पदक जीता था।

माता-पिता ने प्रतिभा को तराशा

कनुप्रिया अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सभी सदस्यों को देती हैं। माँ लवली चावला या पिता गुंजन चावला रोजना उसे कोचिंग के लिए लेकर जाते हैं। दादा डॉ. ए.के. चावला भी उसकी पूरी मदद करते हैं। डॉ. ए.के. चावला कहते हैं कि बेटियों को अगर अवसर दिए जाएं तो वे भी बेटों से बढ़कर नाम चमका सकती हैं। उन्होंने कहा कि कनुप्रिया कड़ी मेहनत और लग्न से तलवारबाजी में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है।

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