कैथल/जींद, सच कहूं कुलदीप नैन । पराली अवशेष जलाने के मामले में कैथल को पछाड़कर जींद जिला प्रदेश में पहले नंबर पर आ गया है। जींद जिले में अब फसल अवशेष जलाने के 204 मामले हो चुके है। वहीं वायु प्रदूषण के मामले में भी जिले की गिनती प्रदेश के प्रदूषित जिलों में होती है। जिले में वायु प्रदूषण को कम।करने के लिए ग्रेप 4 भी लगाया गया था जिसकी जिले में धज्जियां उड़ती दिखी। जगह जगह निर्माण कार्य चलते दिखाई दिए। वहीं दूसरी तरफ जिले में फसल अवशेष जलाने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं लग सका। पिछले कई दिनों से 12, 15, 16 केस रोजाना पराली जलाने के मिल रहे है। यही कारण है कि जो जींद जिला कुछ दिन पहले तक प्रदेश में चौथे से पांचवें नंबर पर था और कैथल पहले नंबर पर था आज वो जींद जिला सभी जिलों से ऊपर दिखाई पड़ता है। इसके साथ ही जिले में वायु प्रदूषण का स्तर अभी भी 250 के आसपास बना हुआ है, जिस कारण लोगों को सांस लेने में और आंखों में जलन हो रही है।
बता दें कि पिछले दिनों बढ़ते पराली जलाने के मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर चिंता व्यक्त करते हुए अपने आदेशों में कहा कि आखिर हरियाणा के जिले में पराली जलाने की घटनाओं को क्यों नहीं रोका जा रहा। जिस बारे में संबंधित जिलों के डीसी को नोटिक भेजे गए थे और कोर्ट में जवाब देने को कहा था। फसल अवशेष जलाने के अग्रणी जिलों में शामिल कैथल और कुरुक्षेत्र जिलों में इसके बाद पराली जलाने के मामलों पर रोक लगी है और रोजाना एक दो मामले ही सामने आ रहे है। वहीं जींद में धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है।
पराली जलाने के 16 नए मामले
जींद जिले में पराली जलाने के 16 नए मामले आए है इनमें से नरवाना ब्लॉक में एक, जींद ब्लॉक में आठ, सफीदो में चार, जुलाना 2 और उचाना में एक मामला मिला है। अब जिले में 204 मामले और पूरे हरियाणा में 1315 मामले में हो चुके है
कैथल जिले में पराली जलाने के आया एक नया मामला
कैथल। जिले में सोमवार को फिर से पराली जलाने कका एक नया मामला सामने आया हैं। यह मामला कलायत ब्लॉक में मिला है। अब जिले में पराली जलाने के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 194 हो गई है। वहीं, अब तक कृषि विभाग ने 134 किसानों की रेड एंट्री की है। अभी तक पूरे जिले में पराली जलाने के मामलो में 103 एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें एक महिला सहित 38 किसानों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पूरे जिले में कृषि विभाग और जिला प्रशासन द्वारा किसानो को फसल अवशेष न जलाने और प्रबंधन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इसी के चलते पिछले साल की अपेक्षा इस साल जिले में कम मामले सामने आए है। लगभग 9 लाख मीट्रिक टन पराली का प्रबंधन जिले में कर लिया गया है। इस बार जिले में पराली जलाने के अब तक 194 मामले मिले है।
जगदीश मलिक, सहायक कृषि अभियंता, कैथल।