कैथल (सच कहूं न्यूज़) एंटी करप्शन ब्यूरो अंबाला की टीम ने नगर परिषद के एक जेई व एक मैनेजर को 25 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया। टीम ने करनाल रोड स्थित एक दुकान पर छापा मारकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों ने एक व्यक्ति से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए रिश्वत की मांग की थी। पकड़े गए आरोपियों की पहचान जेई तरुण और मैनेजर विशाल गुप्ता के रूप में हुई हैं । प्रारम्भिक जांच में पता चला कि मैनेजर विशाल गुप्ता ने जूनियर इंजीनियर तरुण कुमार के माध्यम से रिश्वत की मांग की |
गुरबचन सिंह ने एसीबी टीम को शिकायत दी कि वह करीब 4 साल से आवास योजना का लाभ लेने के लिए के लिए फॉर्म भर रहा था लेकिन जेई और मेनेजर उसे आवास योजना के लाभ से वंचित रख रहे थे। हर बार अधिकारियों द्वारा उसके फार्म में खामियां बात कर रिजेक्ट कर दिया जाता रहा। इस बार अधिकारियों ने उसकी फाइल को पास कर दिया और कहा कि जैसे ही उसके खाते में आवास योजना की पहली किस्त आएगी तो उसमें से 25 हजार रुपए देने होंगे | शिकायत मिलने के बाद एसीबी टीम ने मामले की गंभीरता को देखते हुए योजना अनुसार कार्रवाई की |
एंटी करप्शन ब्यूरो टीम ने गुरबचन को रूपये देकर नगर परिषद के कार्यालय भेजा। लेकिन वहां पर जेई और मैनेजर ने पकडे जाने के डर से रुपए लेने से मना कर दिया और उसको शहर के एक रेस्टोरेंट में बुलाया। पीछे पीछे एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम भी मौके पर पहुंच गई। जैसे ही जेई और मैनेजर उस व्यक्ति से रुपए लेने लगे तो उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी तरुण पीएम आवास योजना का इंचार्ज
विशाल गुप्ता प्रधानमंत्री आवास योजना के मैनेजर हैं और एडीसी (अतिरिक्त उपायुक्त) कार्यालय के अधीन कार्यरत हैं। वहीं, तरुण कुमार नगर परिषद कार्यालय में प्रधानमंत्री आवास योजना के इंचार्ज के रूप में कार्यरत हैं। दोनों अधिकारियों का काम योजना के तहत लाभार्थियों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करना था, लेकिन उन्होंने इस प्रक्रिया में रिश्वत की मांग कर कानून का उल्लंघन किया।
एंटी करप्शन ब्यूरो कैथल के इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने बताया कि रिश्वत लेते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है | मामले की जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जाएगा कि कोई अन्य अधिकारी या कर्मचारी भी रिश्वतखोरी में शामिल था या नहीं। साथ ही यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि इस व्यक्ति के अलावा आरोपियों ने और कितने लोगों से योजना का लाभ देने की एवज में रिश्वत ली हुई है।