राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने दी मंजूरी
पटना। बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाईटेड (जदयू) करीब चार साल के बाद भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हो गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर शनिवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने राजग में शामिल होने का प्रस्ताव रखा जिसे सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक में पंजाब और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों के जदयू के प्रदेश अध्यक्ष भी मौजूद थे। पार्टी के इस फैसले के साथ ही चार साल बाद जदयू की राजग में वापसी हो गई।
पिछले लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा की ओर से नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के विरोध में जदयू जून 2013 को राजग से अलग हो गया था। इसके बाद लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद जदयू ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) और कांग्रेस के साथ महागठबंधन बनाकर वर्ष 2015 का विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें महागठबंधन को दो तिहाई से भी अधिक सीटों पर सफलता मिली। इस अपार जनसमर्थन के बल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करीब 20 माह तक महागठबंधन की सरकार चलाई, लेकिन 26 जुलाई को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। कुमार इस्तीफे के 24 घंटे के अंदर ही भाजपा से नाता जोड़कर फिर से मुख्यमंत्री बन गए। इसके बाद कुमार जब पहली बार दिल्ली गए तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी।
महागठबंधन अमानत, मजबूत विपक्ष का प्रयास रहेगा जारी : शरद
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समानांतर बैठक में महागठबंधन को अमानत बताते हुए कहा कि संकट से घिरे देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए मजबूत विपक्ष जरूरी हैै। उन्होंने कहा कि बिहार में महागठबंधन बनना अमानत के समान था लेकिन यह बिखर गया। महागठबंधन का बिखरना काफी दुखद है।
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