महासंग्राम। सोनीपत लोकसभा सीट पर अब तक रहा जाट उम्मीदवारों का दबदबा, 11 में से 9 बार जीते जाट योद्धा

Jat candidates in Sonepat Lok Sabha seat till now

जाटलैंड सीट पर क्या जीत की हैट्रीक लगा पाएंगे गैर जाट उम्मीदवार

सिर्फ दो बार ही जीत पाए गैर जाट उम्मीदवार

पूर्व मंत्री कृष्णा गहलावत भी टिकट की दावेदार

सोनीपत सच कहूँ न्यूज। हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से जाटलैंड के प्रभाव वाली दूसरी सबसे महत्वपूर्ण सोनीपत लोकसभा सीट पर अब तक जाट उम्मीदवारों का ही दबदबा रहा है। सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में अब तक 11 बार चुनाव हुए हैं जिसमें से 9 बार जाट उम्मीदवार को ही जीत मिली है। और बीजेपी का इस सीट पर ऐसे दौर में भी अच्छा होल्ड रहा है जब हरियाणा में अन्य कहीं भी जनता ने भाजपा उम्मीदवारों पर भरोसा नहीं जताया था। इस बार भी कुछ पार्टियां जाट योद्धाओं को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं तो कुछ ब्राहण उम्मीदवार को। भाजपा जहां मौजूद सांसद रमेश कौशिक पर दोबारा दांव लगा सकती है वहीं पूर्व मंत्री कृष्णा गहलावत भी टिकट की दावेदारी पेश कर रही हैं। कृष्णा गहलावत जाट समाज से हैं।

सांसद रमेश कौशिक पर दोबारा दांव लगा सकती है भाजपा

वो रोहट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीती थीं और तत्कालीन बंसीलाल सरकार में मंत्री बनी थीं। कृष्णा गहलावत 2014 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुई थीं और राई विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ी थी जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। अब वो लोकसभा चुनाव में दावेदारी जता रही हैं।बीते 20 साल के दौरान सोनीपत लोकसभा सीट पर तीन बार भाजपा ने जीत दर्ज की है। सबसे लंबे वक्त तक भाजपा के किशन सिंह सांगवान यहां से सांसद रहे हैं। सांगवान 1998 से लेकर 2009 तक थे। जबकि 2009 में यहां से कांग्रेस के जितेंदर सिंह मलिक ने जीत दर्ज की थी और फिर 2014 में बीजेपी के रमेश चंद्र कौशिक ने बाजी मारी। 1977 में जब पहली बार सोनीपत लोकसभा सीट पर चुनाव हुआ तो भारतीय लोकदल के उम्मीदवार मुख्तियार सिंह मलिक ने कांग्रेस की प्रत्याशी सुभाषिनी देवी को हराकर यहां से जीत हासिल की थी।

आंकड़ों में समझें 1996 से अब तक की कहानी

पिछले कुछ चुनावों पर नजर डालें तो 1996 में यहां से निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद शर्मा को जीत मिली थी। इस चुनाव में अरविंद शर्मा को 2,31,552 और रिज्जक राम को 1,82,201 वोट मिले थे। 1998 में यहां से हरियाणा लोकदल के कृष्ण सिंह सांगवान को 2,90,299 वोट और एचवीपे के अभय राम दहिया के पक्ष में 1,52,975 वोट पड़े थे। 1999 में हुए चुनाव में बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 4,57,056 वोट और कांग्रेस के चिरंजी लाल को 1,90,918 वोट हासिल हुए थे। 2004 में सोनीपत से बीजेपी के कृष्ण सांगवान को 2,33,477 और कांग्रेस के धर्मपाल मलिक को 2,25,908 वोट हासिल हुए थे।

वहीं 2009 की बात करें तो कांग्रेस के जितेंद्र मलिक को 3,38,795, और बीजेपी के कृष्ण सिंह सांगवान को 1,77,511 वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी रमेश चंद्र कौशिक ने कांग्रेस के उम्मीदवार जगबीर सिंह मलिक को हराकर शानदार जीत हासिल की थी। रमेश चंद्र कौशिक को जहां 347203 वोट मिले थे वहीं कांग्रेस के जगबीर सिंह मलिक को 269789 वोट प्राप्त हुए थे। वर्ष 2014 के चुनाव में जीत का अंतर 77,414 था।

देवीलाल भी हार गए थे चुनाव

सोनीपत लोकसभा सीट से ताऊ देवीलाल भी दो बार चुनाव लड़े थे जिसमें एक बार उन्हें जीत मिली थी जबकि दोबारा हार का सामना करना पड़ा था। सोनीपत से अब तक सिर्फ दो बार गैट जाट उम्मीदवार को जीत मिली है जिसमें अरविंद शर्मा और रमेश कौशिक शामिल हैं।

कांग्रेस हर बार बदल देती है उम्मीदवार

सोनीपत लोकसभा सीट पर हर चुनाव में कांग्रेस ने एक नए उम्मीदवार को उतार देती है, यानी पुराने उम्मीदवार को दोबारा इस सीट से मौका नहीं मिलता है। 2014 में जगबीर मलिक को टिकट दिया गया था। इससे पहले 2009 में जितेंद्र मलिक को टिकट मिला था। जबकि 2004 में धर्मपाल मलिक को उम्मीदवार बना दिया गया। 1999 में चिरंजी लाल शर्मा को मैदान में उतारा, 1998 में बलबीर सिंह को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया।

सांसद रमेश कौशिक ही हो सकते हैं भाजपा उम्मीदवार

मौजूदा वक्त में भी इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है। लिहाजा बीजेपी में टिकट के लिए कड़ी टक्कर है। बीजेपी के दावेदारों में पहला नाम मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का है रमेश चंद्र कौशिक ने 2014 के चुनाव में जीत हासिल की थी। वो ब्राह्मण समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। रमेश कौशिक गन्नौर और राई से विधायक रह चुके हैं।

यह है सांसद का रिपोर्ट कार्ड

सोनीपत से बीजेपी के सांसद रमेश चंद्र कौशिक की संसद में मौजूदा कार्यकाल में उपस्थिति 100 फीसदी रही। उन्होंने 2014 से लेकर दिसंबर 2018 तक लोकसभा में 16 डिबेट में हिस्सा लिया। इस कार्यकाल दौरान उन्होंने एक प्राइवेट मेंबर बिल भी प्रस्तुत किया। वहीं बीजेपी सांसद ने लोकसभा में 5 वर्षों के दौरान कुल 161 सवाल पूछे।

रोहतक लोकसभा से कटकर 1977 के बाद बनी सीट

दिल्ली के बेहद नजदीक स्थित सोनीपत लोकसभा सीट के अंतर्गत नौ विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें से छह सीटें गन्नौर, राई, खरखौदा, सोनीपत, गोहाना और बरौदा सोनीपत जिले में आती हैं, जबकि तीन विधानसभा सीटें जींद, जुलाना और सफीदों जींद जिले में लगती हैं। सोनीपत लोकसभा सीट 1977 के बाद बनी थी, इससे पहले यह रोहतक लोकसभा सीट का ही हिस्सा था।

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