India-China Talks: अस्ताना (कजाखस्तान) (एजेंसी)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के इतर आज यहां चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें सीमावर्ती इलाकों में लंबित गतिरोध को शीघ्र हल करने को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। डॉ. जयशंकर ने बैठक के बाद ‘एक्स’ पर अपनी पोस्ट में लिखा, ‘आज सुबह अस्ताना में सीपीसी पोलित ब्यूरो सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात हुई। सीमावर्ती क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की। इस उद्देश्य के लिए राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की गई। उन्होंने कहा कि एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना आवश्यक है। आपसी संबंधों के तीन तत्व – आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हित – हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे।
बाद में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि विदेश मंत्री ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी से आज सुबह मुलाकात की। 04 जुलाई 2024 को अस्ताना, कजाखस्तान में एससीओ के शासन प्रमुखों की परिषद की बैठक के मौके पर हुई इस मुलाकात के दौरान दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और पुनर्निर्माण करने के लिए पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया। India-China Talks
दोनों मंत्री इस बात पर सहमत हुए कि सीमावर्ती क्षेत्रों में मौजूदा स्थिति का लंबा खिंचना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है। विदेश मंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की वापसी की दिशा में बाधाओं को दूर करने के लिए पूर्वी लद्दाख में शेष क्षेत्रों से सेनाओं को पूर्ण रूप से आमने-सामने से हटाने और सीमा पर शांति बहाल करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने अतीत में दोनों सरकारों के बीच हुए प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और समझ का पूरी तरह से पालन करने के महत्व की पुष्टि की। वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान किया जाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में हमेशा शांति कायम रखी जानी चाहिए। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों मंत्री शेष मुद्दों को जल्द से जल्द हल करने के लिए अपनी चचार्ओं को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों के राजनयिक और सैन्य अधिकारियों की बैठकें जारी रखने और बढ़ाने पर सहमत हुए। इस उद्देश्य से, वे इस बात पर सहमत हुए कि भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय पर कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) को शीघ्र बैठक आयोजित करनी चाहिए। विदेश मंत्री ने दोहराया कि भारत-चीन संबंध तीन आपसी संबंधों – आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों – को ध्यान में रखकर ही बेहतर होते हैं। दोनों मंत्रियों ने वैश्विक परिस्थितियों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। विदेश मंत्री ने श्री वांग यी को अगले वर्ष एससीओ की चीन की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया।