सिरसा। प्रमुख मांगों के समाधान न होने से नाराज आंगनबाड़ी वर्कर्स एंड हैल्पर्स यूनियन ने बुधवार को लघु सचिवालय के समक्ष धरना दिया। वहां जिला प्रशासन द्वारा उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रबंध किए गए थे तथा रोडवेज की बसें भी बुलाई गई थी। लेकिन सैंकड़ों की संख्या में धरने पर पहुंची महिला वर्करों ने पुलिस प्रशासन को चकमा देकर पैदल ही लघु सचिवालय से जिला जेल के सामने पहुंच गई और बरनाला रोड स्थित जिला जेल के सामने धरना लगा दिया। वर्करों के धरने से हाइवे की एक साइड जाम हो गई। वहीं विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलने के पश्चात एसडीएम जयवीर यादव, डीएसपी आर्यन चौधरी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
प्रशासनिक अधिकारियों ने वर्करों का काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी गिरफ्तारी व महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी डा. दर्शना को अपनी बीच बुलाने की मांग पर अड़ी रही। हालांकि एसडीएम ने उन्हें उनकी लोकल मांगों का हल वीरवार को करने का आश्वासन दिया। लेकिन वे नहीं मानी। वहीं इससे पूर्व पुलिस प्रशासन द्वारा महिला वर्करों को सदर थाना के समक्ष रोकने का प्रयास किया। लेकिन महिला वर्करों की संख्या अधिक होने और महिला पुलिस न होने के कारण प्रशासन उन्हें रोकने में कामयाब नहीं हुआ। इसके पश्चात वर्कर हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ गई।
गिरफ्तारी देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आई वर्कर
आंगनबाड़ी वर्कर अपनी गिरफ्तारी देने के लिए पूरी तैयारी के साथ आई। वर्करों ने अपने साथ अपनी एक आईडी व अपनी फोटो साथ लेकर पहुंची। जब आंगनबाड़ी वर्कर गिरफ्तारी देने से पीछे नहीं हटी तो फिर महिला पुलिस कर्मचारियों ने आंगनबाड़ी वर्करों की लिस्ट बनानी शुरु की। पुलिस कर्मियों द्वारा करीब 493 वर्करों की सूची तैयार की। इस अवसर पर आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की जिला प्रधान कृष्णा दहिया, उपप्रधान बीरो देवी, सचिव प्रोमिला देवी, सरला देवी व अन्य ने बताया कि आंगनबाड़ी वर्कर अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रही है। लेकिन सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश भर में आंगनबाड़ी वर्करों द्वारा जेल भरो आंदोलन का ऐलान किया गया है और वह अपनी गिरफ्तारी के बाद ही यहां से हटेंगे।
सर्वकर्मचारी संघ सहित अन्य संगठनों ने दिया समर्थन
उधर आंगनबाड़ी वर्कर की हड़ताल को सर्व कर्मचारी संघ सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने भी समर्थन दिया। कर्मचारी नेता मदनलाल खोथ, राजेश भाकर, महेंद्र शर्मा, सोहन सिंह, बलवीर कौर गांधी और अन्य ने आंगनबाड़ी वर्करों की मांगों को जायज बताया और राज्य सरकार से उनकी मांगे पूरी करने की मांग की।
सरकार के प्रति कर्मचारियों में रोष
उनकी मांग है कि प्रधानमंत्री द्वारा उनके मानदेय में सितंबर 2018 में 1500 रुपए और हैल्पर के मानदेय में 750 रुपए की बढ़ौत्तरी की घोषणा को तीन साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी लागू नहीं किया गया है, जिससे कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मांगों को बातचीत के माध्यम से लागू करने की बजाय आंदोलनरत कर्मचारियों को डराने धमकाने में लगी हुई है, जिसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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