महेन्द्रपाल बिट्टू का परिवार पहुंचा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट, 9 सितंबर को होगी सुनवाई
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जेल में हत्या होना सरकारी लापरवाही, सरकार को देना ही होगा मुआवजा : बलतेज सिद्धू
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वकील बलतेज सिद्धू द्वारा महेन्द्रपाल बिट्टू के पारिवारिक सदस्यों ने लगाई पटीशन
अश्वनी चावला चंडीगढ़। नाभा की जेल में बंद महेन्द्रपाल बिट्टू की सुरक्षा की जिम्मेवारी सीधे तौर पर पंजाब सरकार व जेल प्रशासन की ही थी लेकिन सरकार अपनी जिम्मेवारी निभाने में असफल रही है व महेन्द्रपाल बिट्टू को जान का खतरा पैदा होने के बावजूद सरकार ने संजीदगी नहीं दिखाई, जिस कारण ही जेल में महेन्द्रपाल बिट्टू की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी गई। इस पूरे मामले में पंजाब सरकार ही सीधे तौर पर जिम्मेवार है, इसलिए पंजाब सरकार को महेन्द्रपाल बिट्टू के पारिवारिक सदस्यों को 2 करोड़ का मुआवजा देना चाहिए। इस मांग को लेकर महेन्द्रपाल बिट्टू का परिवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। आज इस पटीशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की तरफ से कुछ जरूरी दस्तावेज व उच्च अदालतों के फैसले की मांग की गई है, जिस कारण अब इस मामले में 9 सितंबर को सुनवाई होगी।
स्व. महेन्द्रपाल बिट्टू के पिता रामपाल व अन्य पारिवारिक सदस्यों की ओर से पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक पटीशन दायर करते हुए कहा गया है कि उनके बेटे महेन्द्र पाल बिट्टू के खिलाफ कुछ मामले की जांच चल रही थी व इस दौरान महेन्द्रपाल बिट्टू की जान को भी खतरा बताया जा रहा था, जिसके चलते महेन्द्रपाल बिट्टू को नाभा की उच्च सुरक्षा जेल में रखा गया था। इसी नाभा की उच्च सुरक्षा जेल में 22 जून 2019 को महेन्द्रपाल बिट्टू की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी जाती है। महेन्द्रपाल बिट्टू की हत्या होने के बाद उनका परिवार बहुत ही अधिक परेशानी में से गुजर रहा है। पुलिस सुरक्षा होने के चलते कारोबार लगभग ठप्प हो गया है और कमाई को कोई साधन भी बचा है। इस केस की पैरवी कर रहे हाईकोर्ट के वकील बलतेज सिद्धूू ने बताया कि महेन्द्रपाल बिट्टू एक सबसे अधिक सुरक्षित मानी जाने वाली जेल में पंजाब सरकार की निरगानी में कैद था। इस दौरान किसी भी कैदी को कुछ भी हो जाता है तो उसकी सीधी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की मानी जाएगी। स. बलतेज सिद्धू ने बताया कि महेन्द्रपाल बिट्टू की हत्या होना सरकार की लापरवाही साबित करता है, जिसके लिए सरकार को इस मामले में मुआवजा देना होगा। इससे पहले भी कई दर्जन से अधिक मिसालें हैं, जिसमें हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पुलिस हिरासत या फिर जेल में बंद कैदियों की मौत व हत्या होने पर सरकार को मुआवजा देना पड़ा है, जिनको आधार बनाते हुए महेन्द्रपाल बिट्टू के पारिवारिक सदस्यों की ओर से 2 करोड़ रूपये के मुआवजे की मांग की गई है।
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