- अमरेन्द्र ने प्रधानमंत्री समक्ष कर्जे का मुद्दा भी उठाया
- कृषि लोन को माफ करन का वायदा भी दोहराया
ChandiGarh/NewDelhi, Ashwani Chawla: पंजाब कांग्रेस प्रधान कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कर्ज तेल दबे पंजाब के किसानों की बुरी आर्थिक हालत का मुद्दा शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक मीटिंग दौरान उठाया। इस कड़ी में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी शिष्टमंडल के मैंबर रहे कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि पंजाब सहित देश के अन्य हिस्सों में कर्ज के बोझ में किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। संसद हाऊस में मीटिंग दौरान पत्रकारों से बातचीत दौरान कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि फूड निगम आफ इंडिया (एफ.सी.आई) ने एमएसपी सहित अन्य कृषि मुद्दों पर जिस प्रकार काम किया जा रहा है, उससे किसानों की समस्याओं में विस्तार हो रहा है।
मोदी से मांगा सहयोग: अमरेन्द्र ने कहा कि कांग्रेस ने कर्जे सहित किसानों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए प्रधानमंत्री से समर्थन मांग है, जिन्होंने उक्त मुद्दे पर विचार करने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि मीटिंग दौरान पंजाब के किसानों की बुरी हालत पर बात की, जबकि उत्तर प्रदेश के नेताओं ने अपने राजय के हालातों को प्रधानमंत्री समक्ष रखा।
नोटबंदी से किसान परेशान
पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कैप्टन अमरेन्द्र ने कहा कि नोटबन्दी ने किसानों की समस्याएं को बढ़ाया है। पंजाब में किसान अपनी नगदी संबंधी जरूरतों के लिए पूरी तरह सहकारी बैंकों पर निर्भर हैं, जहां के 12,700 गांवों में से 7000 में न तो कोई बैंक ब्रांच और न ही एटीएम हैं। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल किया है कि ऐसे में किस तरह किसानों से उक्त स्थिति में अपना अस्तित्व बचाए रखने की उम्मीद की जा सकती है।
एसवाईएल पर भी बोले
कैप्टन ने कहा कि एसवाईएल मुद्दे पर बादल सरकार के पंजाब विरोधी रवैये ने समस्या को विकराल रूप दिया है। इस दिशा में बादल पड़ौसी हरियाणा को पंजाब के पानी के अधिकार बेचने के लिए तुले हुए हैं, जिससे राज्य के दक्षिणी हिस्से किसानों के लिए मौत की घंटी बजा दी।
कर्जा माफ करे केंद्र सरकार
कैप्टन ने कहा कि केंद्र सरकार को तेल पर सब्सिडी के तौर पर हुई बड़ी बचत के मद्देनजर, किसानों के कर्जे माफ करने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार सन्नतकारों के 110,000 करोड़ रुपए के लोन माफ कर सकती है, तो ऐसा ही गरीब किसानों खातिर भी किया जा सकता है, जिनके लिए यह जिंदगी और मौत का मामला है।