– सरबत खालसा की आड़ में बड़ी आतंकी वारदात की साजिश!
– तलवंडी साबो का 30 किलोमीटर के दायरा सील, बीएसएफ, सीआरपीएफ की टुकड़ियां तैनात
Chandigarh (Anil Kakkar). पंजाब में चुनाव नजदीक हैं ऐसे में राजनीति पारा उफान पर है वहीं पड़ौसी देश पाकिस्तान भी भारत को नुकसान पहुंचाने की हर कोशिश में लगा है। ऐसे में आईएसआई सरगर्मी से पंजाब की धरती पर फिर से बड़ी आतंकवादी साजिश को अंजाम देने की फिराक में है। इस बार आईएसआई सरबत खालसा के समागम को आड़ बना कर आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे सकती है।
सूत्रों के अनुसार इंटेलीजेंस ब्यूरों इस बाबत पंजाब पुलिस को पत्र लिख कर अलर्ट कर चुकी है। वहीं पंजाब के बठिंडा में होने वाल सरबत खालसा समागम को रोकने के लिए पुलिस सतर्क हो गई है तथा इसे रोकने के हर संभव प्रयास में जुट गई है। बठिंडा के तलवंडी साबो के लगभग 30 किलोमीटर के दायरे को सील कर पुलिस ने नाकेबंदी बढ़ा दी है वहीं प्रदेश के पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार इंटेलीजेंस ब्यूरों ने पंजाब राज्य की पुलिस को इस मामले में पत्र लिख कर सचेत किया है कि आईएसआई पंजाब में फिर से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में है। आईबी ने पत्र में साफ किया है कि सरबत खालसा समागम रोकने के लिए हो रही गिरफ्तारियों के कारण कुछ लोगों के रोष की लहर देखी गई है जिसकी आड़ लेकर आईएसआई किसी भी आतंकी घटना को अंजाम दे सकती है। आईबी से प्राप्त इस पत्र के बाद सभी जिलों में पुलिस को अलर्ट कर दिया गया है।
वहीं मिल रही जानकारियों के अनुसार तख्त श्री दमदमा साहिब के पास 10 नवंबर को बुलाए गए सरबत खालसा को रोकने के लिए पुलिस व प्रशासन ने तलवंडी साबो के करीब 30 किलोमीटर क्षेत्र को पूरी तरह सील कर दिया है। किसी भी अवांछित घटनाओं से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की पांच-पांच टुकड़ियां आज तैनात कर दी गई हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश के कुछ जिलों फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, मानसा तथा बरनाला से पंजाब पुलिस के करीब 1500 जवानों को भी तलवंडी साबो में तैनात कर दिए गए हैं।
बता दें कि पंजाब में विधानसभा चुनाव सिर पर हैं वहीं पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते टूटने की कगार पर पहुंच चुके हैं ऐसे में पंजाब पहले ही जम्मू-कश्मीर के बाद आतंकवाद से जूझने वाला दूसरा राज्य है जहां से पाकिस्तानी समर्थित आतंकी कार्रवाई करते हैं। इन सभी स्थितियों के बीच सरबत खालसा समागम के स्थगित होने तथा इससे पनपे रोष से प्रदेश की सरकार को निपटना है तथा प्रदेश की जनता को यह विश्वास दिलवाना है कि वह आतंकी गतिविधियों से भी सुरक्षित हैं। ऐसे में इसे प्रदेश की बादल सरकार की कड़ी परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है।