विडंबना। विज साहब…जरा गुरुग्राम के ईएसआईसी अस्पताल पर ध्यान दो, बहुत परेशानी है

ESIC Hospital of Gurugram

‘मुझे सांस लेने में दिक्कत हुई और छाती में दर्द था, कोई संभालने नहीं आया’ (ESIC Hospital of Gurugram)

  • कोरोना संक्रमित महिला ने सुनाई स्टाफ की लापरवाही की दास्तां
  • तस्वीरों, वीडियो से ईएसआईसी की हालत दिखाने के बाद भी गंभीर नहीं गृह मंत्री
  • उत्तराखंड के पूर्व सीएम और नर्सिंग स्टाफ लगा चुके हैं गुहार

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय मेहरा)। ईएसआईसी में कोरोना संक्रमितों की ओर से एक बार फिर से आवाज उठाई गई है कि यहां पर उन्हें बहुत दिक्कत है। या तो यहां से कहीं और शिफ्ट कर दो नहीं तो यहां की स्थिति सुधार दो। हालांकि पूर्व में गृह मंत्री अनिल विज ने यहां भर्ती एक स्टाफ नर्स से बात करके आश्वासन भी दिया था कि सब ठीक हो जाएगा, लेकिन कुछ ठीक नहीं हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने तो उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के ट्वीट का जवाब देकर कहा कि यहां सब ठीक है। लेकिन स्थिति जस की तस है।

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कोरोना पॉजिटिव होने पर यहां के सेक्टर-9 स्थित ईएसआईसी उपचाराधीन हैं, पॉलिसी बाजार डॉट कॉम की एक महिला कर्मचारी। मूलरूप से मुम्बई निवासी यह महिलाकर्मी लॉकडाउन के साथ से ही वर्क फ्रॉम होम कर रही थी। दुकान से सामान लेने बाहर निकली तो वह कोरोना पॉजिटिव हो गई। (ESIC Hospital of Gurugram) महिला कर्मचारी के मुताबिक बीते रोज उसे यहां पर करीब साढ़े आठ बजे सांस लेने में तकलीफ हुई। चेस्ट में पेन की भी शिकायत थी। ड्यूटी पर स्टाफ को भी इस बारे में बताया। पीड़िता का आरोप है कि घंटे भर तक उसे पूछने कोई नहीं आया।

  • जब अधिक तबियत बिगड़ी तो वहां दाखिला मेदान्ता मेडिसिटी की कोरोना पॉजिटिव नर्सिंग स्टाफ ने उसे सम्भाला।
  • उसे गलूकोज का पानी पिलाया और जो भी फर्स्ट एड हो सकती थी, की गई।
  • उसका कहना है कि अगर कोरोना पॉजिटिव मरीजों के साथ इसी तरह का व्यवहार करना है।
  • यहां से मरीजों को निकालकर दूसरे अस्पताल में ले जाना चाहिए।
  • यहां स्टाफ को किसी की जिंदगी, मौत से कोई फर्क नहीं पड़ता।
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