मुंबई (एजेंसी)। कोेरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के कारण दुनिया के कई देशों द्वारा नये प्रतिबंध लगाये जाने के साथ ही डॉलर में आ रही तेजी और घरेलू स्तर पर विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली से बने दबाव के कारण बीते सप्ताह शेयर बाजार में भूचाल आ गया जिससे बाजार तीन फीसदी से अधिक टूट गए। अगले सप्ताह भी बाजार पर इन्हीं कारकों के हावी रहने की उम्मीद जतायी जा रही है और बाजार पर दबाव दिख सकता है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स इस अवधि में 1774.93 अंक टूटकर 57011.74 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 526.10 अंक लुढ़ककर 16985.20 अंक पर रहा। दिग्गज कंपनियों की तुलना में छोटी और मझौली कंपनियों में पर बिकवाली का दबाव दिखा जिससे बीएसई का मिडकैप 1165.03 अंक गिरकर 24542.15 अंक पर और स्मॉलकैप 8़05.61 अंक उतरकर 28455.20 अंक पर रहा।
विदेशी निवेशकों ने 10450 करोड़ रुपए की बिकवाली की
विश्लेषकों का कहना है कि अगले सप्ताह वैश्विक बाजारों के साथ ही ओमीक्रॉन , डॉलर सूचकांक और विदेशी संस्थागत निवेशकों की गतिविधियों से बाजार की चाल तय होगी क्योंकि गत शुक्रवार लगातार 23वां ऐसा दिन रहा है जिस दिन विदेशी निवेशकों ने बिकवाली की है और बाजार को लाल निशान में लाने का काम किया है। बीते सप्ताह में विदेशी निवेशकों ने 10450 करोड़ रुपए की बिकवाली की जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 6340 करोड़ रुपए की लिवाली कर बाजार को थामने का भरपूर प्रयास किया है। इसके बावजूद शेयर बाजार में तीव्र गिरावट का रूख बना रहा है।
ओमिक्रॉन से बाजारों पर असर
ओमिक्रॉन को लेकर पूरी दुनिया आशांकित है और इसका असर पूंजी बाजार पर दिख रहा है क्योंकि कई देशों ने तो कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। इसके साथ ही डॉलर सूचकांक में हो रही बढोतरी और भारतीय मुद्रा के कमजोर पड़ने का असर भी बाजार पर हो रहा है। इस सबके बीच अगले सप्ताह भी विदेशी निवेशकों की चाल पर ही बाजार के चलने की संभावना है। विश्लेषकों ने खुदरा निवेशकों विशेषकर बहुत कम निवेश करने वालों से सतर्कता बरतने की सलाह दी है क्योंकि वर्तमान में जो स्थित वैश्विक बाजार में बन रही है उसके कारण किसी भी समय बाजार में भारी बिकवाली या लिवाली दिख सकती है।
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