महिलाओं के लिए निवेश के विकल्प

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पुरुषों की तुलना में महिलाओं को वित्तीय नियोजन चुनौतियों का एक अलग तरीके से सामना करना पड़ता है क्योंकि वे पुरुषों के मुकाबले लंबे समय तक जीवित रहती हैं, कम कमाती हैं, और ज्यादातर महिलाएं घरेलू कार्य करती हैं। विधवा या तलाकशुदा होने पर भी महिलाओं को अधिक कठिनाइयों का अनुभव हो सकता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए, भारी बहुमत ने अपनी मासिक आय का 10% से कम बचत की ओर लगाया। हालांकि, 29% महिलाओं का दावा है कि वे अपनी मासिक आय का 10% से अधिक पुरुषों की तुलना में 21% से अधिक बचाती हैं।

एक सर्वे के मुताबिक अच्छी खबर यह है कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बचत करती हैं। पैसे बचने के लिए महिलाएं किराने की खरीदारी पर कटौती करती हैं, गैर जरूरी खर्चों पर नियंत्रण करती हैं, बाहर खाने पर खर्चा न करके घर पर ही खाना पसंद करती है और परिवार को भी बाहर के खर्चे बचने के लिए प्रेरित करती हैं। ऐसे छोटे छोटे उपाए करके बचत करने में जो मेहनत करनी पड़ती है, उससे भी ज्यादा मेहनत यह सोचने में लगती है की इस बचत का निवेश कहाँ किया जाये। आज के इस लेख में हम आपको बचत को निवेश करने के कुछ उपाय बताएंगे जिससे न सिर्फ आपका पैसा बढ़े बल्कि सुरक्षित भी रहे :-

बैंक में बचत खता खोलें:

सबसे पहले आप किसी भी अच्छे बैंक में अपना एक बचत खाता खोलें और अपनी बचत को उसमें जमा करें। जब भी आप पैसा बचायें, उसको घर में रखने के बजाये बैंक खाता में जमा करें। बचत खाता खोलने से पहले न्यूनतम शेषराशि आवश्यकता की जांच करें ताकि बिना मतलब के बैंक खर्चों से बचा जा सके। पैसा निकलने के लिए एटीएम कार्ड भी जारी करवाएं।

म्यूच्यूअल फण्ड में एसआईपी लगवाएं:

म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने का सबसे सुविधाजनक तरीका एक व्यवस्थित निवेश योजना या एसआईपी है। एक एसआईपी के माध्यम से, आप नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि का निवेश करके समय के साथ अपने निवेश को कम या ज्यादा कर सकते हैं। एसआईपी ओपन-एंडेड हैं, जिसका अर्थ है कि आप किसी भी समय एसआईपी शुरू या समाप्त कर सकते हैं। खाता खोलने के बाद अपनी बचत के हिसाब से किसी भी अच्छे म्यूच्यूअल फण्ड में एसआईपी के जरिये निवेश करें। एक खास तारीख तय करें जिस दिन आपकी एसआईपी का पैसा आपके खाते से काटना चाहिए। म्यूच्यूअल फण्ड का चुनाव करने के लिए आप अपने बैंकर की मदद ले सकती हैं या आप किसी भी अच्छी वित्तीय पत्रिका की मदद ले सकती हैं।

पब्लिक प्रोविडेंट फंड खाता खोलें:

पब्लिक प्रोविडेंट फंड या पीपीएफ भारत में सबसे लोकप्रिय बचत उत्पादों में से एक है। आप एक वित्तीय वर्ष में डेढ़ लाख रुपये तक की राशि का निवेश कर सकते हैं। आपकी कर योग्य आय से 1,50,000 कटौती योग्य है, आपके द्वारा अर्जित ब्याज पर कोई टैक्स नहीं लगता और 15 वर्षों के बाद आपको मिलने वाली परिपक्वता राशि भी कर मुक्त है। पांच साल के बाद आप इस कहते में से आंशिक पैसा निकल भी सकते हैं। महिलाएं हर महीने या अपनी बचत के हिसाब से पीपीएफ में पैसा निवेश कर सकती हैं। पीपीएफ खाता किसी भी निर्धारित बैंक या पोस्ट आॅफिस में खोला जा सकता है।

गोल्ड फंड में नियमित निवेश करें:

गोल्ड फंड एक ओपन-एंडेड फंड है जो गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की इकाइयों में निवेश करता है। फंड का मूल उद्देश्य निवेश पर अच्छी आये कामना है। सोने के स्टॉक आम तौर पर विकास निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक होते हैं। सोने के शेयरों में आम तौर पर सोने की कीमत के साथ वृद्धि और गिरावट होती है, लेकिन अच्छी तरह से प्रबंधित खनन कंपनियां हैं जो सोने की कीमत कम होने पर भी लाभदायक होती हैं। सोने की कीमत में वृद्धि अक्सर सोने के स्टॉक की कीमतों में बढ़ जाती है। एक साधारण एसआईपी की तरह आप गोल्ड फण्ड में निवेश कर सकती हैं जिसमें आपको बेहतर वापसी और पैसे की बढ़त मिल सकती है।

कोरोना के दौरान मिले हुए मुआवजा की रकम को कैसे जमा करें:

जैसा के हमने बताया की सबसे पहले आप किसी भी एक अच्छे बैंक में अपना बचत खाता खोलें और मिला हुआ मुआवजा या बिमा की रकम को इस खाते में जमा करें। इस रकम को आपको इस तरीके से जमा करना है की आपका मूलधन सुरक्षित रहे और आपको इस पैसे से एक नियमित आय मिलती रहे। इसके लिए हम आपको इस पैसे को बैंक फिक्स्ड डिपाजिट में जमा करने का सुझाव देंगे। फिक्स्ड डिपाजिट को मासिक आय विकल्प में खोलें और ब्याज की रकम को अपने खाते में प्रापत करें। आपको इस मासिक आय से ना सिर्फ अपने खर्च चलने में मदद मिलेगी बल्कि आपका मूलधन भी सुरक्षित रहेगा।

-डॉ संजय मित्तल, सीनियर बैंकर एंड डॉक्टर आॅफ मैनेजमेंट

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