नई दिल्ली (एजेंसी)। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि नियंत्रण रेखा के पार से पाकिस्तान द्वारा घुसपैठ की कोशिशों की मामले इस साल तेजी से बढ़े हैं। हालाँकि जेटली ने आश्वस्त भी किया कि देश की सीमाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। जेटली ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि वर्ष 2016 में जहां पूरे साल के दौरान सेना ने घुसपैठ के 228 प्रयासों को विफल किया था, वहीं सीमा सुरक्षा बल ने ऐसे 221 मामलों को नाकाम किया था।
इस साल अब तक सिर्फ सात महीने में ही घुसपैठ की 285 कोशिशें हो चुकी हैं। जेटली ने कहा कि नियंत्रण रेखा पर इस साल घुसपैठ बढ़ाने की कोशिश की गई हैं। लेकिन, यह भी सच है कि इस कारण दुश्मन पक्ष को जान का नुकसान भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। उन्होंने बताया कि पिछले साल घुसपैठ रोकने की कार्रवाई के दौरान आठ भारतीय सैनिक भी शहीद हुए थे।
घुसपैठ रोकने के लिए जरूरी उपकरण लगाए
जेटली ने कहा कि सीमा की सुरक्षा एक सतत् प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि सीमा पर बाड़ और घुसपैठ रोकने के लिए जरूरी उपकरण आदि लगाए गए हैं। पूरी सीमा और नियंत्रण रेखा पर सेना का प्रभाव और दबदबा है।’ संवेदनशील जानकारियां विस्तार से साझा करने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर रडार, सेंसर, थर्मल इमेज सबकी व्यवस्था है। सीमा की सुरक्षा को दलगत राजनीति का विषय नहीं बनाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार रहे, सीमा पर व्यवस्था दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इसी कारण सेना को घुसपैठ रोकने में ज्यादा सफलता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि सेना के आधुनिकीकरण के लिए सरकार हर तरह के प्रयास कर रही है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कठिन परिस्थिति वाले स्थानों पर तैनात सैनिकों को वेतन के अलावा विशेष भत्ते भी दिए जाते हैं, हालाँकि ऐसे स्थानों पर काम करने वाले सैनिकों को जितनी भी सुविधा दी जाए वह कम है।
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