जौ व गेहूं खाने के पश्चात एकाएक पानी पीने से हुआ मौत, कई गंभीर घायल
पीड़ित ने सरकार से की मुआवजा देने की मांग
घमंडिया, सच कहूँ न्यूज। पदमपुर तहसील के गांव 69 एलएनपी के नजदीक नहर किनारे रह रहे एक भेड़ पालक की 25 भेड़े शुक्रवार सुबह फूड पॉयजनिंग शिकार हो गई । पीलीबंगा के नजदीक लड़ाना गांव का जगदीश भाट अपने परिवार सहित 69 एलएनपी में अपनी 80 भेड़ों को चराने व दिहाड़ी मजदूरी के लिए आया था। जगदीश भाट ने बताया की वह वीरवार को एक गेहूं के खेत में अपनी भेड़े चराने गया था। वहीं से गेहूं व जौ कटाई के बाद जमीन पर गिरी गेहूं की बाल अधिक चरने व ऊपर से पानी पीने से फूड पॉयजनिंग का कारण 25 भेड़ों की मौत हो गई। शाम तक कई भेड़ें फूड पॉयजनिंग से गंभीर घायल थी।
सूचना मिलने पर रिड़मलसर राजकीय पशु चिकित्साल्य टीम भेड़ों को दवाई देने पहुंची। डॉक्टर सुधीर ने बताया की भेड़ पालक द्वारा भूखे जानवरों को गेहूं या जौं के खेत में चराने व एकाएक पानी पिलाने से फूड पॉयजनिंग हो गया। ज्यादा गेहूं या जौ खाने के बाद अगर कोई जानवर पानी पी लेता है तो वह दाने पेट में जाकर फूल जाते हैं जिससे फूड पॉयजनिंग हो जाता है। डॉक्टर टीम ने भेड़-बकरी पालक को समझाया की आनन-फानन में भेड़ बकरी पालक भूखे जानवरों को गेहूं या जौं के खेतों में ज्यादा ना चराये।
जिससे फूड पॉयजनिंग से जानवरों को बचाया जा सके। डॉक्टर ने बताया की अगर डॉक्टर को तुरंत सूचना देकर दवाई दी जाती तो कुछ भेड़ों को बचाया जा सकता था। भेड़ पालक खुद देशी ईलाज करते रहे, लेकिन डॉक्टर को देरी से बताया। वहीं भेड़ पालक जगदीश भाट पिछले 25 दिनों से 69 एलएनपी में भेड़ चराने आया हुआ व उसका परिवार गेहूं कटाई करके दिहाड़ी मजदूरी कर रहा है।
सुबह 4 बजे से भेड़ें मर रही हैं। 20 भेड़ें अचानक सुबह मृत मिली व दिन 4 भेड़ें और मर गई 5 से 6 भेड़ें अभी भी फूड पॉयजनिंग से गंभीर बीमार है। डॉक्टर की टीम आई जरूर लेकिन दवाई से अभी कोई जानवरों में ज्यादा सुधार नहीं है। जगदीश भाट ने बताया की जीवनयापन के लिए भेड़ ही उनका सहारा थी । कुल 70 बड़े नगो में से 25 मर चुके हैं। पीड़ित ने प्रशासन से यही मांग है कि उसकी बची भेड़ों को दवाई पानी दिलाकर बचाया जाए व मुआवजा देकर उसकी मदद की जाए।
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