लोगों की दिनचर्या पर असर (Restriction)
श्रीनगर (एजेंसी)। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू- कश्मीर में लगातार इंटरनेट (Restriction) सेवाएं स्थगित रहने से लोगों की परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है और छात्रो, व्यावसायियों, व्यापारियों तथा मीडिया के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ पांच अगस्त से घर में नजरबंद तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उनके बेटे उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, पूर्व विधायक तथा पूर्व मंत्री सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं की हिरासत में कोई राहत नहीं दी गयी है। भारत संचार निगम लिमिटेड सहित सभी सेलुलर कंपनियों की प्री-पेड मोबाइल और इंटरनेट सेवा भी पिछले 141 दिनों से बंद है।
हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों के नेताओं सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज मौलवी उमर फारुक को घाटी में घर में नजरबंद रखा गया है घाटी के अधिकतर हिस्सों में सुरक्षा-व्यवस्था बनाये रखने के लिए सिविल लाइंस सहित संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में केंद्रीय अर्धसैनिक बल (सीपीएमएफ) और पुलिस के जवान तैनात किये गये हैं।
- हालांकि तीन महीनों से चली आ रही हड़ताल के बाद कश्मीर घाटी में जनजीवन सामान्य है
- सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले हैं और सभी मार्गों पर यातायात सामान्य है।
- इस दौरान छात्रों छात्रवृत्ति के लिए आॅन-लाइन फॉर्म दाखिल करने,
- प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
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