सोमवार को खट्टर सरकार दाखिल करेगी जवाब
चंडीगढ़ (सच कहूँ ब्यूरो)। किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा में इंटरनेट सेवा बैन करने का मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। मामले की जानकारी देते हुए पंजाब हरियाणा उच्च न्यायालय के सीनियर वकील आर.एस. बैंस ने बताया कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने से वकीलों ने ही आपत्ति व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट सेवाएं कई दिन से लगातार बंद चलने से आॅनलाइन सुनवाई में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही ज्यादा दिन तक इंटरनेट बंद करने को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं, जिसमें न्यायालय द्वारा सरकार से जवाब तलब किया गया है कि आखिर किस आधार पर इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं।
जबकि इंटरनेट सेवाएं बंद करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई। इसके तहत अगर सेवाएं कई दिन तक बंद की जाती है तो उसमें एक कमेटी बनाकर 7 दिन के बाद पूरी स्थिति को रिव्यू करना होता है। बैंस ने यह भी बताया कि इंटरनेट सेवाएं बड़े कारणों के साथ ही बंद की जा सकती हैं। उन्होंने कई कारण बताते हुए कहा कि जब तक स्थिति ऐसी पैदा न हो, जब आभास होता हो कि इंटरनेट की वजह से कोई बड़ा नुकसान या अफवाहें फैल सकती हैं, तब तक बैन करने का फैसला नहीं लिया जा सकता। इस मामले में हरियाणा सरकार सोमवार को अपना जवाब कोर्ट में देगी।
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