बिजली कंपनियों को पराली देकर पैसा और समय बचा रहा किसान बलजीत सिंह

Awareness

अन्य किसानों को भी पराली को आग न लगाने के लिए कर रहा प्रेरित | Awareness

फिरोजपुर(सच कहूँ/सतपाल थिन्द)। सरकार की ओर से पराली को आग न लगाने संबंधी किसानों को जागरूक (Awareness) करने के लिए लगातार किए जा रहे प्रयास कारगर साबित हो रहे हैं। सरकार के जागरूकता कार्यक्रमों से जागरूक होने के बाद फिरोजपुर की बस्ती भाई के निवासी किसान बलजीत सिंह ने अवशेष व पराली को आग लगाना बंद कर दिया है। किसान बलजीत सिंह ने बताया कि वह अपने गांव में 20 एकड़ जमीन पर खेती करता है, जिस अनुसार उसने 18 एकड़ में धान की फसल व 1 एकड़ में बासमती और 1 एकड़ में पशुओं के लिए हरा चारा बीजा हुआ है। किसान ने बताया कि इस बार उसकी तरफ से पराली को आग न लगाकर धान की पराली से बिजली बनाने वाली कंपनियों के साथ तालमेल कर उनको पराली दी जा रही है।

उन्होंने बताया कि इन कंपनियों की ओर से पराली की गठड़्यिां बनाकर बाद में इसके साथ बिजली तैयार की जाती है। किसान ने बताया कि अवशेष को आग न लगाने से जहां पैसे और समय दोनों की बचत होती है वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बचा रहता है और जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बढ़ती है। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि धान की पराली को आग लगाने की बजाय खेत में ही दबा दिया जाये या पराली की गठड्यां बना कर बिजली तैयार करने वाली मीलों को पराली दे दी जाये, जिससे जमीन की उपजाऊ शक्ति बनी रहे, मित्र कीड़ों का जानी नुक्सान न हो और पर्यावरण भी प्रदूषित होने से बच सके।

डिप्टी कमिशनर ने भी की गांववासियों की प्रशंसा | Awareness

इस संबंधी डिप्टी कमिशनर चंद्र गेंद ने कहा कि गांव वासियों द्वारा पर्यावरण की शुद्धता को मुख्य रखते बहुत ही प्रशंसनीय काम किया गया है। उन्होंने कहा कि इस गांव से शिक्षा लेकर अन्य गांवों के किसानों को भी फसलों के अवशेष को आग न लगा कर पराली के निपटारे के लिए योग्य प्रबंध करने चाहिए, जिससे इसके साथ पर्यावरण की शुद्धता बनी रहे और जमीन की उपजाऊ शक्ति भी बरकरार रहे। डिप्टी कमिशनर ने समूह किसानों को यह भी अपील की कि किसान कृषि विभाग की ओर से लगाए जाते कैंपों में जरूर उपस्थित हुआ करें व इन कैंपों में कृषि संबंधी दी जानकारी हासिल कर उसका लाभ उठाएं।

बलजीत सिंह से प्रेरित होकर गांव के अन्य किसानों ने भी पराली न जलाने का लिया प्रण

  • गांव के सरपंच जसबीर सिंह ने बताया कि बलजीत सिंह हमारे गांव का प्रगतिशील किसान है
  • इसके प्रेरित करने से ही गांव के अन्य किसानों ने धान की पराली को आग नहीं लगाई।
  • उन्होंने कहा हमारे गांव की कुल 200 एकड़ जमीन है
  • अब गांव का कोई भी किसान अपनी फसल की अवशेष को आग नहीं लगाता बल्कि
  • कृषि के आधुनिक यंत्रों के प्रयोग से अवशेष को या जमीन में ही मिला रहा है
  • फिर पराली को बिजली बनाने वाली कंपनियों को दे रहा है।
  • उन्होंने कहा कि वह अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को आग न लाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

गांव के प्रगतिशील किसान मेजर सिंह, गुरदेव सिंह, मलकीत सिंह, सतपाल सिंह पाला, कमलजीत सिंह, अमरीक सिंह और समूह पंचायत ने प्रण लिया है कि वह अपनी फसलों के अवशेष को कभी भी आग नहीं लगाएंगे और पर्यावरण की शुद्धता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

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