ओढां की छठी शरीरदानी बनीं माता भगवान देवी इन्सां
सच कहूँ/राजू ओढां। डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी जीते जी तो मानव सेवा में अग्रणी रहते ही हैं बल्कि मरणोपरांत भी ऐसा कार्य कर जाते हैं जिसके लिए वे हमेशा समाज में स्मरणीय रहते हैं। इसका एक उदाहरण गांव ओढां में माता भगवान देवी इन्सां के रूप में देखा गया। जहां उनकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी गई। भगवान देवी इन्सां ओढां की छठी शरीरदानी के रूप में हमेशा याद रहेंगी। ओढां निवासी जीवनपाल इन्सां की माता 100 वर्षीय भगवान देवी इन्सां दीपावली की रात्रि सचखंड जा विराजीं। जीवनपाल इन्सां के अनुसार उनकी माता ने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज से नाम शब्द लिया हुआ था। भगवान देवी के मरणोंपरांत उनके पुत्र तरसेम इन्सां, जीवनपाल इन्सां व सतपाल इन्सां ने अपनी माता की मृत देह राजकीय मेडिकल कॉलेज बारामुला (जम्मू-कश्मीर) में दान कर दी। सचखंडवासी को अंतिम विदाई देने हेतु शाह सतनाम जी ग्रीन-एस वैल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार व साध-संगत मौजूद रही।
मां की अंतिम इच्छा को बेटों ने किया पूर्ण
माता भगवान देवी इन्सां ने पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणाओं पर चलते हुए मरणोपरांत शरीरदान का प्रतिज्ञा पत्र भरा हुआ था। उन्होंने अपने तीनों पुत्रों को बुलाकर कहा था कि उसके मरणोपरांत उसकी मृत देह मेडिकल शोध कार्यों हेतु दान कर दी जाए। ताकि मेडिकल के छात्रों को शिक्षा में कोई बाधा उत्पन्न न हो। भंगीदास मुलखराज इन्सां ने बताया कि माता भगवान देवी इन्सां का पूरा परिवार लंबे समय से डेरा सच्चा सौदा से जुड़ा हुआ है। भगवान देवी की डेरा सच्चा सौदा में अटूट आस्था थी। वे सेवा के साथ-साथ नाम-सुमिरन पर भी जोर देती थी। वे हमेशा यही कहती थीं कि हमेशा अपने गुरू पर विश्वास एवं डेरा सच्चा सौदा में आस्था रखना। माता भगवान कौर अपनी बुढ़ापा पेंशन में से कुछ पैसे बचाकर मानवता भलाई में खर्च करती थीं। अंतिम समय उन्होंने इलाही नारा लगाकर अपनी देह का त्याग कर दिया।
सैल्यूट के साथ फूलों से सजी गाड़ी में किया रूखस्त
माता भगवान देवी अपने पीछे भरा-पूरा परिवार छोड़ गईं हैं। सचखंडवासी को अंतिम विदाई देने हेतु बड़ी संख्या में साध-संगत, गणमान्य लोग व ब्लॉक कमेटी के सदस्य पहुंचे। उन्होंने ‘सचखंडवासी माता भगवान देवी इन्सां अमर रहे’ के नारे लगाकर व सैल्यूट कर उनकी देह को फूलों से सजी गाड़ी में रूखस्त कर दिया। डेरा सच्चा सौदा की मुहिम बेटा-बेटी एक समान के तहत उनकी अर्थी को कंधा देने की रस्म उनकी बेटियों कौशल्या इन्सां, धन इन्सां, सुरजीत कौर इन्सां व जसवीर कौर इन्सां ने निभाई।
हमारे गांव से डेरा सच्चा सौदा के 6 अनुयायियों की मृत देह मेडिकल शोध कार्यांे हेतु दान हो चुकी हैं। मरणोपरांत भी मानव सेवा कर जाना अपने आप में बड़ी मिसाल है। डेरा अनुयायी गांव में पौधारोपण, सफाई व रक्तदान जैसे सराहनीय कार्य करते रहे हैं। मुझे याद है कि जब कोरोना का भयानक दौर था तब भी डेरा अनुयायियों ने मानव सेवा के कार्य किए थे। माता भगवान देवी का परिवार सराहना का पात्र है जिन्होंने शरीरदान जैसा महान कार्य किया है। इससे मेडिकल छात्रों को शिक्षा में मदद मिलेगी।
लखवीर कौर बैरवाल, सरपंच (ओढां)।
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