दोषियों पर लगाया 10-10 हजार रुपये का जुर्माना
- दोषियों में मृतकों के माता-पिता, दादी, चाचा व दो भुआ सहित तांत्रिक शामिल
बठिंडा। (सच कहूँ/सुखजीत मान) जिले के कस्बा कोटफत्ता में 6 वर्ष पहले घटित हुए मासूम दलित बहन-भाई बली कांड के मामले में वीरवार को बठिंडा की माननीय अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा के अलावा सभी दोषियों को 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दोषियों में मृतक बच्चों के माता-पिता, दादी, चाचा व दो भुआ सहित तांत्रिक शामिल है।
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जानकारी मुताबिक औलाद की प्राप्ति के लिए कोटफत्ता निवासी दो दलित मासूम बहन-भाई बली कांड में आज एडिशन सैशन जज बलजिन्द्र सिंह ने मामले के सातों दोषियों को उम्रकैद की सजा व 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस संवेदनशील केस की पैरवी करते आ रहे एक्शन कमेटी के सदस्य परनजीत सिंह खालसा व बलजिन्द्र सिंह कोटभारा ने जानकारी देते बताया कि मृतक मासूमों को इन्साफ दिलाने के लिए उनके द्वारा बहुत जद्दो-जहद की गई है। उन्होंने बताया कि दोषियों को बीती 20 मार्च को माननीय अदालत द्वारा दोषी ठहराया गया था।
माननीय अदालत में आज एडवोकेट चरनपाल सिंह बराड़ ने सभी दोषियों के लिए फांसी की मांग रखी थी लेकिन माननीय जज साहबान ने हत्या केस की धारा 302 में व साजिश में शामिल 120 बी के तहत उम्रकैद व दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। नेताओं ने बताया कि फैसला सुनकर भविष्य बताने वाला वाला व मुख्य दोषी तांत्रिक लखविन्दर लक्खी हाथ बांध रहम की भीख मांगने लगा। उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा सुनाने के साथ आज मृतक बच्चों की आत्मा को भी शांति मिली होगी।
उल्लेखनीय है कि बठिंडा जिले के कस्बा कोटफत्ता में 6 साल पहले 8 मार्च 2017 की रात को मुख्य दोषी तांत्रिक लखविन्द्र उर्फ लक्खी द्वारा उत्साहित करने पर 8 वर्षीय मासूम रणजोध सिंह व उसकी तीन वर्षीय बहन अनामिका कौर की उनके घर मृतकों के परिवार द्वारा बेरहमी से बली दे दी गई थी। इस कांड में सात दोषी मृतक बच्चों की दादी निर्मल कौर, पिता कुलविन्द्र सिंह विक्की, माता रोजी कौर, चाचा जसप्रीत सिंह, भुआ जिसकी औलाद के लिए बच्चों की बली दी गई थी, अमनदीप कौर व दूसरी भुआ गगन व एक तांत्रिक लखविन्द्र सिंह लक्खी शामिल थे।
फांसी की सजा के लिए हाईकोट में करेंगे केस दायर: कमेटी नेता
एडवोकेट चरनपाल सिंह बराड़, परनजीत सिंह जग्गी बाबा व बलजिन्द्र सिंह कोटभारा ने कहा कि वह मुख्य तीन दोषियों तांत्रिक लखविन्द्र लक्खी, बच्चों की दादी निर्मल कौर व बच्चों के पिता कुलविन्द्र विक्की को फांसी की सजा के लिए हाईकोर्ट में केस दायर करेंगे।
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