दरअसल रक्षा सौदे पर पाकिस्तान इसलिए परेशान हो रहा है चूंकि भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच द्वीपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने एक स्वर व एक ही अंदाज में आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़े अंदाज में घेरते हुए हड़काया है। दोनों ने कहा था कि पाकिस्तान की धरती से पनपने वाले आतंकवाद पर शिकंजा कसना जरुरी है। इसके अलावा मौजूदा समय में भारत और अमेरिका के रिश्ते हर स्तर पर बेहद अच्छे हैं। नरेन्द्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिग रिश्तों की बात करें तो दोनों अच्छे मित्र भी हैं।
योगेश कुमार सोनी
भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा सौदे से पाकिस्तान बौखलाया हुआ दिख रहा है। प्रैस कॉन्फ्रेंस करते हुए पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता आयशा फारूकी ने कहा कि इस सौदे की वजह से क्षेत्रों में हथियार खरीदने की होड़ मचेगी। आयशा ने यह भी कहा कि भारत-अमेरिका के बीच हुए तीन अरब डॉलर रक्षा सौदे से पाकिस्तान को आपत्ति है और इसके अलावा भारत के आंतरिक मामले में भी दखल अंदाजी करते हुए कहा कि जिस तरह की हिंसा भारत में रह रहे मुसलमानों के खिलाफ हुई है। उस पर पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय रोष प्रकट कर रहे हैं। विगत दिनों भी भारत और रुस के बीच एस.400 मिसाइल डिफेंस समझौतों पर भी पाकिस्तान बहुत डर गया था और तथ्यहीन ब्यान दिया था। अब इस तरह के ब्यानों का आकलन करें तो मान ना मान मैं तेरा मेहमान वाली कहावत की तर्ज पर व्यवहार करते हुए पाकिस्तान अपना मजाक उडवा रहा है। पहले ब्यान की चर्चा करें तो भारत और अमेरिका के बीच किसी समझौते से पूरे विश्व के किसी भी देश को कोई समस्या नहीं हैं और यदि किसी को हो भी तो क्या वह उसकी वजह से कोई देश अपने तरक्की या डील क्यों रोक देगा? दूसरे ब्यान को समझें तो और हास्यप्रद लग रहा है। हमारे देश के आंतरिक मामले में दखलअंदाजी करके जबरदस्ती अपनी उपस्थिति दर्ज कराने पर भी पाकिस्तान अपनी खिल्ली उड़वा रहा है और भारत में रह रहे मुसलमानों को जबरदस्ती अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। यदि अब तीसरे ब्यान की बात करें तो आपको ऐसा लगेगा कि यदि आप पाकिस्तानी प्रवक्ता को लाइव सुन लेते तो ऐसा लगता कि आप कोई कॉमेडी शो देख रहे हैं। उन्होनें कहा कि भारत नियंत्रण रेखा पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा है। जिस पर हमनें भारतीय राजनयिक को इस विषय की जानकारी देते भारी विरोध भी दर्ज कराया गया है।
पाकिस्तान की ओर से की गई इस तरह की बातों से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि उसका बौखलाहट का स्तर काफी हद तक बढ़ चुका है। सीज फायर स्वयं वो तोड़ता है जिसकी खबरें हम आए दिन देखते हैं। आतंकियो को पनाह देने वाला यह देश कब से भारत को परेशान कर रहा है, लेकिन मौजूदा केंद्र सरकार ने जब से देश की कमान संभाली है तब से उनका हर पैंतरा फेल होता नजर आ रहा है। अब यदि कुछ नही हैं तो इस तरह की बातें करके दुनिया में लाचार और बेचारा बन कर ही अपनी मौजूदगी दिखाने का प्रयास कर रहा है और भारत के आंतरिक मामले की बातें वो देश कर रहा है, जो खुद अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने के लिए जाना जाता है। आंकड़ों के आधार पर स्पष्ट है कि आजादी से लेकर आज तक लगातार अत्याचार झेल रहे पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक चौदह प्रतिशत से मात्र एक प्रतिशत रह गए। इसके अलावा शायद ही कोई ऐसा दिन जाता हो कि वहां से दुराचार की घटना और डरा धमका के अल्पसंख्यकों का धर्म परिवर्तन करने की खबरें न आती हों। आतंक का स्वर्ग कहे जाने वाले पाकिस्तान की इस समय इज्जत और स्थिति क्या है वो किसी से छुपी नहीं है।
दरअसल रक्षा सौदे पर पाकिस्तान इसलिए परेशान हो रहा है चूंकि भारतीय प्रधानमंत्री और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच द्वीपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने एक स्वर व एक ही अंदाज में आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़े अंदाज में घेरते हुए हड़काया है। दोनों ने कहा था कि पाकिस्तान की धरती से पनपने वाले आतंकवाद पर शिकंजा कसना जरुरी है। इसके अलावा मौजूदा समय में भारत और अमेरिका के रिश्ते हर स्तर पर बेहद अच्छे हैं। नरेन्द्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के व्यक्तिग रिश्तों की बात करें तो दोनों अच्छे मित्र भी हैं। यदि आपको एक घटना याद हो जिसमें अमेरिका में पूर्व में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप ने मोदी के प्रचार की पंच लाइन को कॉपी करते हुए कहा था कि अबकी बार ट्रंप की सरकार। दोनों वैश्विक नेताओं ने अपने पद संभालते ही आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। पूरी दुनिया इस्लामिक आतंकवाद से परेशान है जिस पर दोनों हमेशा एक्टिव दिखते हैं।
भारत सरकार की यह सफलता ही मानी जाएगी कि रुस और अमेरिका दोनों से ही रक्षा समझौते कर रहा है। जग जाहिर है कि अमेरिका और रुस के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। यदि कोई देश इन दोनों देश में से किसी एक से व्यापार कर लेता था उस देश से दूसरा कभी कोई संबंध नहीं रखता लेकिन भारत ने यह कर दिखाया। बहराहल किसी भी देश में कुछ भी होता रहे पाकिस्तान को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन जैसे ही भारत किसी भी क्षेत्र में मजबूत होता है तो उसकी परेशानी बढ़ जाती है। पाकिस्तान कभी भी भारत को उभरते नहीं देख सकता। दरअसल जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद से वो अपने आप को असहाय महसूस करने लगा है चूंकि हमारे तरफ वाले हिस्से के जो लोग उनकी मदद करते थे उन पर शिकंजा कसा हुआ है जिस वजह से उनके आतंक के कारोबार में कोई सहायता नहीं हो रही।
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