स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर ‘प्रचंड’ वायु सेना के बेड़े में शामिल
जोधपुर (सच कहूँ न्यूज)। देश में ही बना पहला बहुउद्देशीय हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर (एलसीएच) सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में वायु सेना के बेड़े में शामिल हो गया। यहां वायु सेना स्टेशन में आयोजित समारोह में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने रक्षा मंत्री को एलसीएच की पारंपरिक चाबी सौंपी जिसे बाद में रक्षा मंत्री ने वायु सेना प्रमुख वी आर चौधरी को प्रदान किया। इसके साथ यह हेलिकॉप्टर वायु सेना के हेलिकॉप्टर बेड़े में शामिल हो गया। इस मौके पर देश के दूसरे प्रमुख रक्षा अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत) भी मौजूद रहे। एलसीएच को बेड़े में शामिल किये जाने से पहले एक सर्वधर्म प्रार्थना भी की गयी।
एलसीएच को बेड़े में शामिल किये जाने के बाद रक्षा मंत्री ने इसका नामकरण करते हुए इसे ‘प्रचंड’नाम दिया। अब से इस हेलिकॉप्टर को प्रचंड के नाम से जाना जायेगा। प्रचंड को बेड़े में शामिल किये जाने के बाद पानी की बौछारों ‘वाटर केनन’ से इसे पारंपरिक सलामी दी गयी।अत्याधुनिक मिसाइलों तथा राकेटों से लैस प्रचंड दुश्मन के छक्के छुड़ाने तथा उसे नेस्तानाबूद करने में पूरी तरह सक्षम है। इसे वायु सेना की 143 हेलिकॉप्टर यूनिट में शामिल किया गया है। अभी तक वायु सेना विदेशी लड़ाकू हेलिकाप्टरों का इस्तेमाल करती आ रही थी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गत मार्च में ही 15 एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी।
I would be in Jodhpur, Rajasthan tomorrow, 3rd October, to attend the Induction ceremony of the first indigenously developed Light Comat Helicopters (LCH). The induction of these helicopters will be a big boost to the IAF’s combat prowess. Looking forward to it. pic.twitter.com/L3nTfkJx5A
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 2, 2022
सुपर पॉवर की बात होगी, तो भारत सबसे पहले गिना जाएगा
इस मौके पर सिंह ने कहा कि सरकार राष्ट्र की रक्षा को सबसे पहला कर्तव्य मानती है और इसके लिए वह हर संभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ह्ल राष्ट्र की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसे सुनिश्चित करने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ, कि आने वाले समय में जल्द ही, दुनिया में सैन्य शक्ति समेत जब भी सुपर पॉवर की बात होगी, तो भारत सबसे पहले गिना जाएगा। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के क्रम में हमारा यह हमेशा प्रयास रहता है, कि हमारी सशस्त्र सेना बेहतरीन उपकरणों और ‘प्लेटफॉर्म’ से सुसज्जित रहें। दुनिया में भू राजनीतिक परिदृश्य कैसा भी हो, पर राष्ट्रीय सुरक्षा को हमेशा चौकस रखना हमारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
वायु सेना की ताकत बढ़ेगी
सिंह ने कहा कि प्रचंड का वायु सेना में शामिल होने से जहां वायु सेना की ताकत बढेगी वहीं यह रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है। साथ ही यह वायु सेना को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ सेना बनाने के संकल्प को भी प्रकट करता है। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर अब तक भारत की संप्रभुता को सुरक्षित रखने में वायु सेना की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान इस तरह के हेलिकॉप्टरों की जरूरत को गंभीरतापूर्वक अनुभव किया गया। तब से लेकर अब तक , यानी दो दशकों के, देश में हुए अनुसंधान एवं विकास का ही परिणाम यह हेलिकॉप्टर है। उन्होंने कहा कि प्रचंड का डिजायन और विकास आधुनिक युद्ध की जरूरतों के अनुरूप किया गया है। विकास के विभिन्न चरणों में यह तमाम चुनौतियों से निपटने में सफल रहा है। उन्होंने कहा, ‘एलसीएच दुश्मनों को चकमा देते हुए, विभिन्न प्रकार के हथियारों को ले जाने और शीघ्रता से यथास्थान पर पहुंचाने में सक्षम है। यह विभिन्न तरह की जगहों में हमारी सेना की जरूरतों पर पूरी तरह खरा उतरता है और एक आदर्श प्लेटफार्म है। इस मौके पर एलसीएच और सुखोई लड़ाकू विमानों ने फ्लाई पास्ट किया।
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