आस्ट्रेलिया में एक भी सीरीज़ नहीं जीत सका भारत
नई दिल्ली (एजेंसी)।
भारतीय टीम का विदेशी जमीन पर टेस्ट रिकॉर्ड बेशक शानदार नहीं है लेकिन कप्तान विराट कोहली (India’s Strongest Claimant In Australia For 71 Years) की अगुवाई में विश्व की नंबर एक टीम इंडिया इस बार आस्ट्रेलिया दौरे में पहली बार टेस्ट सीरीज़ जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। भारत की दावेदारी को न केवल भारतीय खिलाड़ियों ने बल्कि आस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल कप्तान स्टीव वॉ का भी मानना है कि भारत के पास इस बार छह दिसंबर से शुरु होने वाली चार टेस्टों की सीरीज़ में जीत हासिल करने का सुनहरा मौका है। आस्ट्रेलियाई टीम में कप्तान स्टीवन स्मिथ, ओपनर डेविड वार्नर और बल्लेबाज़ कैमरन बेनक्रॉफ्ट नहीं हैं जो बॉल टेम्परिंग प्रकरण के चलते प्रतिबंधित हैं।
यह माना जा रहा है कि इन तीन खिलाड़ियों खासतौर पर स्मिथ और वार्नर की गैर मौजूदगी में आस्ट्रेलियाई टीम कमजोर पड़ जाएगी। लेकिन आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हमेशा अपनी जमीन पर मजबूत माने जाते हैं। वर्ष 1980 के आसपास कैरी पैकर सीरीज़ के चलते जब कई दिग्गज आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी टीम से बाहर थे तब भारतीय टीम ने आस्ट्रेलिया का दौरा किया था। उस समय माना जा रहा था कि भारतीय टीम कमजोर पड़ी आस्ट्रेलियाई टीम से सीरीज़ जीत लेगी लेकिन तीन मैचों की वह सीरीज़ 1-1 की बराबरी पर छूटी थी।
भारत ने 1947-48 में पहली बार आस्ट्रेलिया का दौरा किया था और पांच टेस्टों की सीरीज़ 0-4 से गंवा दी थी। भारत ने अपने इतिहास में अब तक आस्ट्रेलियाई जमीन पर 11 सीरीज़ खेली हैं लेकिन वह एक बार भी आस्ट्रेलिया में सीरीज़ नहीं जीत सका है। इन 11 टेस्ट सीरीज़ में भारत ने तीन सीरीज़ ड्रॉ खेली हैं। टीम इंडिया ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ कुल 94 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने 26 जीते हैं, 41 हारे हैं, एक टाई रहा है और 26 ड्रॉ खेले हैं। भारत ने आस्ट्रेलियाई जमीन पर 44 टेस्ट खेले हैं जिनमें से उसने पांच जीते हैं 28 हारे हैं और 10 ड्रॉ खेले हैं। इसी तथ्य से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारतीय टीम को आस्ट्रेलियाई जमीन पर कितना संघर्ष करना पड़ा है।
भारत ने 1947-48 में आस्ट्रेलिया में अपनी पहली सीरीज़ 0-4 से गंवाई थी। भारत ने इसके बाद 1967-68 में आस्ट्रेलिया का दौरा किया और चार मैचों की सीरीज़ 0-4 से गंवा दी। वर्ष 1977-78 की सीरीज़ सबसे अधिक रोमांचक रही थी जिसे आस्ट्रेलिया ने 3-2 से जीता था। 1980-81 की तीन मैचों की सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ रही। 1985-86 में तीन मैचों की सीरीज़ में सभी टेस्ट ड्रॉ रहे जबकि 1991-92 में भारत ने पांच मैचों की सीरीज़ 0-4 से गंवाई। वर्ष 1999-2000 में भारत ने तीन मैचों की सीरीज़ 0-3 से गंवाई लेकिन 2003-04 में चार मैचों की सीरीज़ 1-1 से ड्रॉ खेली। इसके बाद भारत ने 2007-08 में चार मैचों की सीरीज़ 1-2 से, 2011-12 में चार मैचों की सीरीज़ 0-4 से और 2014-15 में चार मैचों की आखिरी सीरीज़ 0-2 से गंवाई।
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