डर्बी (एजेंसी)। स्टार बल्लेबाज मिताली राज की अगुवाई में पूरे जोश और जज्बे के साथ आईसीसी महिला विश्वकप में अपने अभियान को आगे बढ़ा रहीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम रविवार को यहां चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अपने अपराजय क्रम को इसी तरह बरकरार रखते हुए टूर्नामेंट में जीत की हैट्रिक पूरी करने उतरेगी। भारतीय महिला टीम ने अब तक विश्वकप में कमाल का खेल दिखाया है और अपने पहले ही मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड को 35 रन से और फिर दूसरे मैच में टांटन में वेस्टइंडीज को एकतरफा अंदाज में सात विकेट से पीटकर अभी तक अपने दोनों मैच जीते हैं।
तालिका में भारत दूसरे स्थान पर है जबकि रन रेट अधिक होने के कारण आस्ट्रेलिया इतने ही अंक लेकर शीर्ष पर है। लेकिन अब अपने तीसरे मैच में उसे चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तानी टीम से भिड़ना होगा जो अपने खराब प्रदर्शन के कारण तालिका में बिना खाता खोले आखिरी आठवें पायदान पर है। पाकिस्तान ने अपने पिछले दो मैचों में दक्षिण अफ्रीका से तीन विकेट और फिर इंग्लैंड के हाथों डकवर्थ लुईस नियम से दूसरा मैच 107 रन से गंवाया था। हालांकि भारतीय टीम को इसके बावजूद पाकिस्तानी टीम से सतर्क रहना होगा क्योंकि उनके लिए टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज करने के साथ चिर प्रतिद्वंद्वी भारत को हराने का भी दबाव रहेगा और ऐसे में किसी उलटफेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
भारतीय टीम का पलड़ा भारी
वैसे फिलहाल भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों के हरफनमौला प्रदर्शन से वह टूर्नामेंट की मजबूत टीमों में शामिल हो चुकी है और मनावैज्ञानिक रुप से दबाव पाकिस्तानी टीम पर ही रहेगा। दोनों पड़ोसी टीमें आखिरी बार विश्व ट्वेंटी -20 में एक दूसरे से भिड़ी थीं और तब भारत को हार झेलनी पड़ी थी जिसका बदला चुकता करने का मौका भी टीम इंडिया के पास रहेगा। भारत के पास बेहतरीन बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम है। बल्लेबाजों में कप्तान मिताली के अलावा स्मृति मंधाना, ओपनर पूनम राउत, दीप्ति शर्मा अच्छी स्कोरर हैं। गेंदबाजी क्रम की बात करें तो वनडे में सर्वाधिक विकेट लेने वाली
झूलन गोस्वामी गेदंबाजी क्रम की अगुवाई कर रही हैं और उनका अनुभव टीम के लिए लगातार काम आ रहा है। इसके अलावा दीप्ति शर्मा, पूनम यादव, एकता बिष्ट, हरमनप्रीत कौर लगातार अच्छी गेंदबाजी कर रही हैं और विकेट भी निकाल रही हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच वैसे वनडे के पुराने रिकार्ड को देखा जाए तो हमेशा भारतीय टीम का ही इस प्रारुप में पलड़ा भारी रहा है और पाकिस्तानी टीम भारतीय महिलाओं को कभी भी वनडे में हरा नहीं सकी है। लेकिन इसके बावजूद टीम मिताली को किसी तरह के अति आत्मविश्वास से बचना होगा नहीं तो कहीं पुरुष चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल जैसी स्थिति से भारत को दोबारा दो चार न होना पड़े।
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